लखनऊ : एक समय में समाजवादी पार्टी के साथ रहे ओम प्रकाश राजभर Om Prakash Rajbhar अब एनडीए में शामिल हो गए हैं. बीजेपी को पानी पी पी कर कोसने वाले ओम प्रकाश राजभर Om Prakash Rajbhar एनडीए में आते ही बीजेपी के गुणगान में लग गए हैं. नए समीकरण में आते ही अब वो बीजेपी के लिए यूपी का चुनावी समीकरण बदलने में लग गए हैं.
Om Prakash Rajbhar को मिली बड़ी जिम्मेवारी
ओम प्रकाश राजभर Om Prakash Rajbhar का प्रभाव पूर्वांचल में है लिहाजा पूर्वांचल में बीजेपी की रणनीति क्या रहेगी ये राजभर तय कर सकते हैं. खासकर उन पर दबाव होगा उन सीटों की रणनीति तय करना जिन सीटों को बीजेपी 2019 के चुनाव में हार गई थी. यानी इस हिसाब से कुल मिलाकर फिलहाल ओम प्रकाश राजभर पूर्वांचल की उन 6 लोकसभा सीटों पर ध्यान देंगे जो 2019 में बीजेपी को नहीं मिल पाई थी.
पूर्वांचल Om Prakash Rajbhar के जिम्मे
इस रणनीति के तहत ओम प्रकाश राजभर Om Prakash Rajbhar अपने प्लान की शुरूआत लालगंज लोकसभा सीट से करने जा रहे हैं. उनकी योजना है कि लालगंज में प्रधानमंत्री मोदी की जनसभा कराई जाए. इसके लिए उन्होंने राज्य सरकार से बात भी कर ली है.इसके अलावा उत्तर प्रदेश बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के जरिए उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से भी बात की है. यानी ये साफ है कि राजभर की मदद से बीजेपी पूर्वांचल को मजबूत करने में जुटी है.
राजभर वोट पर टिकी है उम्मीद
अगर राजभर समाज की बात करें तो पूरे यूपी में लगभग 4 प्रतिशत राजभर हैं. पूर्वांचल के 25 जिलों में 26 लोकसभा सीट हैं और इनमें 18 जिलों में राजभर निर्णायक भूमिका में हैं. मतलब ये कि लगभग दर्जन भर सीट पर राजभर का बोलबाला है. वैसे तो 2019 में सुभासपा ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन सारे सीट हार गए लेकिन सुभासपा तीसरे नंबर पर रही. यानी सुभासपा अकेले अपने दम पर चुनाव नहीं जीत सकती लेकिन अगर उसे किसी पार्टी का समर्थन मिल गया तो सीटें जीती जा सकती हैं. बीएसपी की तरह सुभासपा के वोटर भी इधर उधर नहीं जाते हैं. इसलिए बीजेपी को उम्मीद है कि राजभर को साथ लेने से बीजेपी का अपना वोट तो है ही राजभर समाज का भी वोट मिल जाएगा और सीट उनके कब्जे में आ जाएगी.
26 सीटें हैं पूर्वांचल में
पिछले विधानसभा चुनाव में सपा गठबंधन के अच्छे प्रदर्शन के लिए राजभर को क्रेडिट दिया गया था लिहाजा इस बार बीजेपी की नजर ओम प्रकाश राजभर पर थी. ओम प्रकाश राजभर के एनडीए में आने के बाद बीजेपी को उम्मीद है कि गाजीपुर,बलिया,आजमगढ़,लालगंज,संत कबीर नगर, अंबेडकर नगर,जौनपुर,घोसी,चंदौली में एनडीए की स्थिति मजबूत होगी. इसबार बीजेपी ने 80 सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा है. इन 80 में से 26 सीट पूर्वांचल में है. पीएम का बनारस और सीएम का गोरखपुर भी पूर्वांचल में ही है. इसलिए पूर्वांचल में मजबूत रहना बीजेपी के लिए चैलेंज है.