भूकंप के झटकों की बनी हुई है आशंका,दिल्ली वाले रहें सावधान, पीएम मोदी ने ट्वीट करके दी चेतावनी

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Delhi Earthquake
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Delhi Earthquake : सोमवार की सुबह साढे पांच बजे आये भूकंप के झटकों ने दिल्ली, गाजियाबाद, गुड़गाव फरीदाबाद जैसे दिल्ली के करीब के इलाकों को हिलाकर रख दिया. सुबह सुबह आये भूकंप के इन झटकों से पूरा इलाक दहल गया है. भूकंप के झटकों से लोग अभी उभर ही रहे थे कि केंद्र सरकार की तरफ से एक चेतावनी दी गई कि आने वाले समय में भूकंप के और भी झटके आ सकते हैं. लोग इसके लिए तैयार रहें.केंद्र सरकार ने सोमवार को दिल्ली और आसपास के इलाकों के लोगों को संभावित “आफ्टरशॉक” की चेतावनी दी है.

Delhi Earthquake को लेकर पीएम मोदी ने किया ट्वीट 

इस सिलसिले मे प्रधानमंत्री मोदी ने भी सुबह के भूकंप के तत्काल बाद एक एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने दिल्ली और आस-पास के इलाकों के निवासियों से शांत रहने और सुरक्षा प्रोटोकॉल के पालन करने का आग्रह किया. पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा है कि अधिकारी स्थिति पर कड़ी नज़र रख रहे हैं, लेकिन लोग शांत रहे और भूकंप से सबंधित सावधानियों का पालन करें.

दिल्ली में केवल 5 किलोमीटर नीचे था भूकंप का केंद्र

दरअसल दिल्ली में सोमवार सुबह आया भूकंप कोई साधारण भूकंप नहीं था बल्कि भूवैज्ञानिकों के मुताबिक ये एक चेतावनी की तरह था. भू-विशेषज्ञ लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. लोगों को सलाह दी गई है कि लोग  सतर्क रहें और और शांत रहें . दिल्ली में आये भूकंप का केंद्र दिल्ली के ही धौलाकुमआ क्षेत्र में था. हालांकि रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता केवल 4.0 थी लेकिन इसका एपिसेंटर धरती से केवल 5 किलमीटर नीचे था. इसलिए ये आशंका जताई जा रही है कि इस क्षेत्र में  भूकंप के बाद आने वाले आफ्टरसाक्स यानी झटके आ सकते हैं.

 दिल्ली में क्यों अधिक है भूकंप की आशंका 

दरअसल भूकंप का मुख्य कारण टेक्टोनिक प्लेटों के हिलने और टकराने से उत्पन्न तनाव है. जब ये प्लेटें एक-दूसरे से टकराती हैं, तो इनके बीच ऊर्जा का निर्माण होता है. हल्के-फुल्के भूकंप ऊर्जा को धीरे-धीरे रिलीज करते हैं, लेकिन अगर प्लेट्स के बीच टकराव ज्यादा तेज हुआ तो ऊर्जा एक साथ तेजी से निकलने का प्रयास करती है, जिसक कारण बड़े भूकंप आते हैं.

भारत को भूकंप के लिहाज से चार श्रेणियों में बांटा गया है, जिसमें दिल्ली-एनसीआर भूकंप के चौथे जोन में स्थित है और ये जोन भूकंप के लिए सबसे खतरनाक माना आता है. भूवैज्ञानिकों का मुताबिक दिल्ली में अधिक खतरे की आशंका इसलिए है क्योंकि ये क्षेत्र हिमालयी टकराव जोन से केवल 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. हिमालय के इस हिस्से में लगातार भूकंपीय गतिविधियां होती रहती हैं जिसके कारण दिल्ली और आसपास के इलाके में भूकंप का खतरा बढ़ जाता है.इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से तीन प्रमुख फॉल्ट लाइन्स गुजरती हैं, जो भूकंप के झटकों को उत्पन्न करने का कारण बनती हैं. ऐसे में सोमवार सुबह आये भूकंप को सरकार ने बेहद गंभीरता से लिया है.प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीचट करके लोगों को आगाह किया है साथ ही हरसंभव सावधानी बरतने की बात कही है.