Wednesday, January 15, 2025

Goat farming: इस नस्ल के साथ शुरू कीजिए बकरी पालन का व्यापार, होगी मोटी कमाई

Goat Farming: मवेशी पालन में जिसे सबसे ज्यादा पाला जाता हाउ वो है बकरी पालन. आज के समय में लोग महंगी महंगी जॉब छोड़कर बकरी पालन की तरफ बढ़ रहे हैं लेकिन अनुभव और ज्ञान की कमी होने की वजह से इसमें कई बार असफल हो जाते हैं. बकरी पालन के लिए सबसे जरूरी है सही तरह की नस्ल की पहचान और इसके बारे में पूरी जानकारी होना. आग आपको सही नस्ल की जानकारी है तो आप जरूर इससे मोटी कमी कर सकते हैं.

गांव में भी तेजी से पशुपालन, डेयरी फार्म और पोल्ट्री फार्म खुलते जा रहे हैं. बकरियों के दूध और मांस की भी बाजार में अच्छी डिमांड है. यही वजह है कि अब कई लोग बकरी फार्मिंग का बिजनेस कर रहे हैं. एक्सपर्ट्स की माने तो बकरी पालन से अच्छा मुनाफा कमाने के लिए बकरियों की उन्नत नस्लों पर फोकस करना चाहिए.

सोजत बकरी

राजस्थानी नस्ल की सोजत बकरी का मूल स्थान सोजत जिले से है, लेकिन अब ये पाली, जोधपुर, नागौर और जैसलमेर जिले भी पहचान बना चुकी है. बता दें कि ये बकरी की सबसे सुंदर नस्ल है, जिसके बाजार में काफी अच्छे दाम मिल जाते हैं. सोजत बकरी दूध उत्पादन कम होता है. ये मुख्यतौर पर मांस के लिए पाली जाती है.

गूजरी बकरी

राजस्थानी मूल की गूजरी बकरी को जयपुर, अजमेर और टोंक जिलों और नागौर तथा सीकर जिले के कुछ इलाकों में भी पाला जाता है. इस नस्ल की बकरी दूध के साथ अच्छी क्वालिटी के मांस का भी सोर्स है.दूसरी नस्लों की तुलना में इस नस्ल की बकरी का आकार बड़ा होता है. इस नस्ल की बकरियां अधिक मात्रा में दूध उत्पादन देती हैं. वहीं बकरों को मांस के लिए पालते हैं.

ये भी पढ़ें:Lok Sabha Election 2024, दूसरे चरण के मतदान में सुबह 9 बजे तक पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ में हुआ सबसे ज्यादा मतदान

करौली बकरी

करौली बकरी एक स्वदेशी नस्ल है, जो अब करौली जिले के सपोटरा, मान्डरेल तथा हिंडौन से लेकर सवाई माधोपुर, कोटा, बूंदी और बारां जिलों तक फैली चुकी है. मीणा समुदाय की बकरी के नाम से मशहूर करौली बकरी को नस्ल सुधार कार्यक्रम के तहत रजिस्टर किया गया है. ये भी दूध और मांस का बढ़िया प्रोडक्शन देती है.

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news