नोएडा में गंगन चुम्बी ईमारत ट्विन टावर को सफलतापूर्ण ध्वस्त कर दिया गया है. 8 सेकेंड से भी काम वक्त में कई तकनीकी विस्फोटक इस्तेमाल कर प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया. कार्रवाई में डर था तो बस ईमारत गिरने की वजह से आसपास की बिल्डिंग और लोगों के स्वास्थ को होने वाले खतरा का. ऐसे में ये डर भी अब हकीकत का रूप ले चूका है. जो खबर सामने आ रही है उसके मुताबिक इस प्रक्रिया की वजह से कुछ नज़दीकी इमारतों को भारी नुक्सान हुआ है. उनकी दीवारों पर दरार देखने को मिली है. .
दरअसल ATS विलेज की सोसाइटी के जो फ्लैट है, उसकी दीवारों पर क्रैक देखे गए हैं. इन क्रैक को सबसे पहले फ्लैट में रह रहे किराएदार ने देखा है. इस बारे में फ्लैट मालिक के भाई का कहना है कि मेरे भाई नितिन गौतम ने एटीएस विलेज में फ्लैट रेंट पर दे रखा है. जब कुछ दिन पहले वहां रह रहे किराएदार वापस आए तो उन्होंने दीवारों पर क्रैक देखा. उनकी तरफ से RWA को इस बात की जानकारी दे दी गई है. मरम्मत को लेकर भी बात हो गई है.
वैसे जिस कंपनी ने ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया को पूरा किया था, उनका साफ मानना है कि ऐसे क्रैक को लेकर सभी लोगों को पहले ही जानकारी दे दी गई थी. ट्विन टावर प्रोजेक्ट के मैनेजर ने कहा है कि जब कोई बड़ी बिल्डिंग गिराई जाती है, तो ऐसे क्रैक आना स्वाभाविक है. पहले ही लोगों को इस बारे में बता दिया गया था. इसी वजह से ऐसे हर नुकसान के लिए 100 करोड़ का बीमा भी रखा गया है. अगर किसी दूसरी बिल्डिंग में भी ऐसे क्रैक देखे गए हैं तो वहां भी ध्यान दिया जाएगा.
वहीँ दूसरी तरफ बात आती है ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण के बाद इक्कठा हुआ मलबा।
जिसे हटाना अभी बाकी है. जानकारी के मुताबिक ट्विन टावर का मलबा हटाने का काम इसे गिराए जाने के तकरीबन एक हफ्ते बाद शुरू हो पाएगा. सबसे पहले मलबे को अलग-अलग किया जाएगा और उसके बाद इसको सी एंड डी वेस्ट प्लांट भेज दिया जाएगा. ट्विन टावर गिराए जाने के बाद उससे निकले मलबे को कंस्ट्रक्शन एंड डिब्रिस वेस्ट प्लांट सेक्टर 80 भेजा जाएगा.
कंपनी ने भले ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दुष्प्रभावों के बारे में इलाके के लोगों को बता दिया हो लेकिन इससे जो दूसरी इमारतों को नुक्सान पहुँचा है। प्रसाशन को उसे बिलकुल नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। ताकि लोगों की सुरक्षा और प्राण को खतरा ना हो .