मनोरंजन: लगता है 2024 के चुनाव के लिए चुनावी माहौल बनाने का सबसे बड़ा ठेका फिल्म इंडस्ट्री को मिला है. ये हम नहीं बल्कि तमाम दर्शक कह रहे हैं. जहाँ काफी वक्त से फिल्मों को हिट कराने के लाले पड़ रहे थे. वहींं अब फिल्मों को हिट कराने के लिए एक नई स्कीम निकाली है. जिससे पैसा डबल नहीं कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है. वो स्कीम है कंट्रोवर्सिअल मुद्दों पर फिल्म बनाओं, हिट कराओ, करोड़ों लेकर जाओ. तभी तो बॉलीवुड से लेकर साउथ तक तमाम विवादस्पद घटनों और हेक्सियतों पर फ़िल्में बनाई जा रही है. फिर चाहे कश्मीर फाइल्स की बात करें केरला स्टोरी की बात करें. सावरकर की कहानी पर आधारित पैन इंडिया फिल्म थे इंडिया हाउस की बात करें यारणदीप हुड्डा की फिल्म स्वातंत्रय सावरकर की या 1992 की जमेर में घाटी खौफनाक वारदातों बाण रही फिल्म अजमेर 92 की. खैर ये गिनती यही नहीं थमती. ऐसे में 21 साल पहले गुजरात में हुई घटनाओं को फिर एक बार याद दिलाने के लिए आरही है ‘गोधरा’.
फिल्म का टीजर रिलीज
डायरेक्टर एम.के. शिवाक्ष की फिल्म ‘गोधरा'(Godhra Teaser) का टीजर मंगलवार को रिवील किया गया है. फिल्म के टीजर में फिल्म का कोई कलाकार या किरदार नहीं बल्कि गुजरात में 2002 की वो खौफजनक घटनों और लोगों की चीख चिल्लाहट सुनाई पड़ती है.
टीजर में क्या है
‘गोधरा’ टीजर का दावा है कि फिल्म सत्य घटनाओं पर आधारित है. वीडियो बताता है कि ये फिल्म 2002 के गोधरा कांड और इसके बाद हुए दंगों की कहानी पर बेस्ड है. टीजर की शुरुआत एक दौड़ती ट्रेन से होती है जिस का नाम साबरमती एक्सप्रेस बताया गया है. रियलिटी में, अयोध्या से अहमदाबाद लौट रही साबरमती एक्सप्रेस के कोच नंबर S6 में गोधरा रेलवे स्टेशन पर आग लगा दी गई थी.
इस भयानक घटना में 59 लोगों की जान जाने की रिपोर्ट्स थीं, जो कोच के अंदर फंसे रह गए थे. ‘गोधरा’ के टीजर में इस घटना को 2002 में गुजरात में हुए सांप्रदायिक दंगों का ट्रिगर या उन वीभत्स दंगों की जननी कहा जाता है. कई रिपोर्ट्स इन दंगों में 2000 से ज्यादा लोगों की जान जाने का दावा करती हैं.
‘गोधरा’ टीजर में एक सीन है जिसमें काला कोट पहने एक व्यक्ति, एक फाइल पकड़े चलता दिखता है, जिसपर लिखा है- नानावटी मेहता रिपोर्ट. इस फाइल पर साल 2008 लिखा हुआ है. फिल्म के टीजर में सवाल है कि ये घटना ‘एक्सीडेंट थी या षड्यंत्र?’ और इसके ‘विक्टिम कौन हैं?’ टीजर में दंगे में जलकर खाक हुई बिल्डिंग, भागते लोग और पुलिस के जलते बैरिकेड भी नजर आते हैं.
फिल्म के टीज़र से ये साफ़ है कि ‘गोधरा’ सिर्फ गोधरा कांड ही नहीं, बल्कि इसके बाद हुए दंगों पर भी बात करेगी. एक सीन किसी रेलवे स्टेशन का है, जहां एक संदिग्ध तरीके से खड़ा आदमी नजर आता है. लेकिन इस आदमी का चेहरा नहीं दिखाया गया है. यानि ये फिल्म कुछ ऐसे तथ्यों को या राज़ को भी खोल सकती है जो अभी तक राज़ हैं.
हालाँकि फिल्म की रिलीज डेट फ़िलहाल अनाउंस नहीं की गई है न ही इसमें कास्टिंग को लेकार कोई डिटेल है. लेकिन इन बातों के बिना भी, एक सॉलिड बैकग्राउंड स्कोर के साथ फिल्म का टीजर दमदार लग रहा है. जो दर्शकों को ये फिल्म देखने के लिए अपील कर रहा है .
वैसे गोधरा कांड पर ये कोई पहली फिल्म नहीं है इससे पहले भी बॉलीवुड में ऐसे फ़िल्में बन चुकी है.
जैसे शमा सिकंदर और फैज़ल खान स्टारर 2005 में रिलीज़ हुई ‘चाँद बुझ गया’.
2007 में रिलीज़ हुई ‘परज़ानिया’ जिसमें नसीरुद्दीन शाह और सारिका ने काम किया था.
फिर साल 2008 में रिलीज़ हुई डायरेक्टर नंदिता दास की इस फिल्म ‘फ़िराक’.
इसके आलावा काई पो छे जिसमें सुशांत सिंह राजपूत, राजकुमार राव और अमित साध ने बेहतरीन किरदार निभाया था.
इसके आलावा सुपर स्टार शारुख खान ने भी गुजरात दंगों पर फिल्म बनाई थी. जिसका नाम था रईस जो साल 2017 में रिलीज़ हुई थी.
यानी वक्त वक्त पर उस दर्द उस डर को याद दिलाती कुछ राज़ को बेपर्दा करती फ़िल्में बनती रही है. उन्ही की लिस्ट में अगला नाम है गोधरा का देखना होगा फिल्म की अगली अपडेट कब तक मिलती है. लेकिन पिछले कुछ वक्त में रिलीज़ हो रही विवादित फिल्मों को देख कर आपको क्या लगता है. क्या ये प्रपोगेंडा का हिस्सा है या चुनाव को देखते हुए तमाम फ़िलें बस कमाई के जरिये के तौर पर रिलीज़ की जा रही है.