Friday, November 8, 2024

Cast census : नीतीश सरकार को हाई कोर्ट का झटका,cast census पर अंतरिम रोक

पटना (अभिषेक झा,ब्यूरो चीफ) : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार nitish kumar को पटना हाईकोर्ट high court ने एक बड़ा झटका दिया है.सीएम ने बिहार में जाति जनगणना काम शुरू करा दिया था. इसके बाद जाति जनगणना को रोकने के लिए याचिका दायर की गई थी. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने cast census पर अंतरिम रोक लगाते हुए कहा कि अब कोई नया डेटा सामने नहीं आएगा. इस मामले पर अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी. पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश कृष्णन विनोद चंद्रन की बेंच ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद ये फैसला दिया.

दो चरणों में हो रहा है जाति जनगणना

गौरतलब है कि जाति जनगणना दो चरणों में बिहार में हो रहा है. पहले चरण में मकानों की गिनती की गयी. वहीं दूसरे फेज में घर-घर जाकर 17 सवाल किये जा रहे हैं. जातीय गणना का दूसरा चरण 15 अप्रैल से शुरू हुआ जो 15 मई तक चलेगा.

cast census कराना सरकार का संवैधानिक अधिकार नहीं

दरअसल जाति जनगणना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट को तीन दिन के अंदर सुनवाई करके अंतरिम आदेश देने का निर्देश दिया था. इसके बाद पटना हाईकोर्ट ने आज जाति जनगणना पर अंतरिम रोक लगा दी. इस मुद्दे पर विस्तार से फैसला 3 जुलाई को आएगा. याचिका में कहा गया है कि जाति जनगणना कराने का संवैधानिक अधिकार राज्य सरकार को नहीं है. साथ ही इस जनगणना के दौरान लोगों के कामकाज और क्वालिफिकेशन का ब्यौरा लिया जा रहा है. याचिकाकर्ता का कहना है कि ऐसा करना लोगों की निजी गोपनीयता का उल्लंघन है. इसके अलावा ये भी दलील दी गई है कि जाति जनगणना पर 500 करोड़ खर्च करना टैक्स पेयर्स के पैसों का दुरुपयोग है.

3 जुलाई को होगा विस्तार से फैसला

फिलहाल हाईकोर्ट ने कहा है कि कोई नया डेटा नहीं आएगा. इस पर विस्तार से सुनवाई 3 जुलाई को होगी. तभी पता चलेगा कि जाति जनगणना जारी रहेगी या नहीं. अगर 3 जुलाई को भी कोर्ट जाति जनगणना को रोकने का आदेश देता है तो ये निश्चित तौर पर नीतीश सरकार के लिए एक बड़ा झटका साबित होगा.

हाईकोर्ट से झटका लगने के बाद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के कहा है कि फैसले के खिलाफ हम लडैंगे. राज्य में जाति आधारित जनगणना नहीं सर्वे किया जा रहा था.

वहीं विपक्ष की तरफ से बिहार बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि हाइकोर्ट के फैसले के लिए नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं. सभी पार्टियों ने मिल कर जातीय जनगणना के लिए अनुशंसा की थी लेकिन सरकार अपना पक्ष भी कोर्ट मे सही तरीके से नहीं रख पाई

 

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