Saturday, November 15, 2025

एच-1बी वीजा प्रणाली के दुरुपयोग पर सख्त कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध

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वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा कार्यक्रम का बचाव करने के एक दिन बाद, व्हाइट हाउस ने कहा कि वह वीजा प्रणाली के दुरुपयोग पर सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने यह स्पष्टीकरण दिया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक व्हाइट हाउस की प्रवक्ता टेलर रोजर्स ने कहा कि सरकार इमिग्रेशन प्रणाली में सुधार के लिए काम कर रही है। जितना कम समय में ट्रंप ने जितना इमिग्रेशन कानूनों को सख्त किया है, उतना किसी आधुनिक अमेरिकी राष्ट्रपति ने नहीं किया। उन्होंने अमेरिकी कामगारों के हित को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि “नए एच-1बी वीजा आवेदन पर एक लाख डॉलर का अतिरिक्त शुल्क लगाना सिस्टम के दुरुपयोग को रोकने की दिशा में पहला बड़ा कदम है, ताकि विदेशी सस्ते कामगारों की वजह से अमेरिकी कर्मचारियों की नौकरियां न जाएं।
एक इंटरव्यू में जब ट्रंप से पूछा गया था कि क्या उनकी सरकार एच-1बी वीजा को कम प्राथमिकता देने की योजना बना रही है, तो उन्होंने कहा था कि नहीं, हमें टैलेंट की जरूरत है। जब ट्रंप से कहा कि हमारे पास तो काफी प्रतिभा है, तो ट्रंप ने जवाब दिया, “नहीं, आपके पास कुछ विशेष प्रतिभाएं नहीं हैं। बेरोजगार लोगों को सीधे फैक्टरी में या मिसाइल बनाने के काम में नहीं लगाया जा सकता। इसके लिए खास कौशल चाहिए।
पिछले हफ्ते अमेरिकी श्रम विभाग ने एच-1बी वीजा से जुड़े संभावित दुरुपयोग के 175 से ज्यादा मामलों की जांच शुरू की। यह जांच “प्रोजेक्ट फायरवॉल” नामक अभियान के तहत की जा रही है, जिसका उद्देश्य उन कंपनियों पर कार्रवाई करना है जो विदेशी कर्मचारियों को नियमों के विरुद्ध नियुक्त कर रही हैं। श्रम मंत्री लोरी शावेज-डेरेमर ने कहा कि श्रम विभाग एच-1बी वीजा के दुरुपयोग को रोकने और अमेरिकी नौकरियों की रक्षा के लिए अपने हर संसाधन का उपयोग कर रहा है।
बता दें ट्रंप प्रशासन की एच-1बी नीति का कई सांसदों और संगठनों ने विरोध किया है। अमेरिका के सबसे बड़े व्यापार संगठन ‘यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स’ ने भी इस नीति के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। 31 अक्टूबर को पांच अमेरिकी सांसदों ने ट्रंप को पत्र लिखकर 19 सितंबर के उनके आदेश पर पुनर्विचार करने को कहा कि क्योंकि इससे भारत-अमेरिका संबंधों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। 2024 में भारत मूल के पेशेवरों को कुल एच-1बी वीजा का करीब 70 फीसदी हिस्सा मिला, क्योंकि भारत से आने वाले कुशल कामगारों की संख्या सबसे ज्यादा है और लंबित मामलों की भी बड़ी संख्या भारत से जुड़ी है।

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