Delhi Asha Kiran Home : राजधानी दिल्ली के रोहिणी में बना आशा किरण शेल्टर होम इन दिनों सुर्खियों में है. इस होम में मानसिक रुप से कमजोर/ दिव्यांग बच्चों को रखा जाता है और उनकी देखभाल की जाती है . इसलिए इस जगह को दिव्यांग बच्चों का घर भी कहा जाता है. खबर है कि इस शेल्टर होम में पिछले 20 दिन में 14 बच्चों की असामयिक मौत हुई है.अब इस जानकारी के बाहर आने के बाद दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिये हैं.
Delhi minister Atishi has directed the Additional Chief Secretary Revenue to initiate a magisterial enquiry in the deaths of 14 inmates of the state-run Asha Kiran shelter home in Rohini since January this year and submit report within 48 hours. pic.twitter.com/PYEAwP7931
— Press Trust of India (@PTI_News) August 2, 2024
Delhi Asha Kiran Home : महिला आयोग भेज रहा है फैक्ट फाइंडिग टीम
दिल्ली सरकार के इस शेल्टर होम में हो रही मौतों की खबर के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग ने फैक्ट फाइंडिग टीम भेजने का फैसला किया है. आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि उनकी टीम वहां जाकर जांच करेगी. मानसिक रोगियों के इलाज के लिए जिम्मेदारी सभी अधिकारियों से भी बात की जायेगी.इस बात की भी जांच की जायेगी कि इस शेल्टर होम को चलाने के लिए कौन लोग जिम्मेदार हैं? क्या ऐसे मानसिक रोगियों को होम की जगह अस्पताल में नहीं होना चाहिये ? राष्ट्रीय महिला आयोग ने कहा कि वो दिल्ली सरकार द्वारा संचालित नाइट शेल्टर होम्स का भी आडिट कर रही है.
From years the Asha Kiran Shelter home run by Delhi government has lost all Asha. People are suffering and dying in it and Delhi Government does nothing, nothing at all. Taking cognizence and sending my team to inquire into it. @NCWIndia @PIBWCD @MinistryWCD pic.twitter.com/wrabLyGdNU
— Rekha Sharma (@sharmarekha) August 2, 2024
दिल्ली सरकार के अधीन चलता है आशा किरण शेल्टर होम
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली सरकार के अधीन चल रहा ये आशा किरण होम दिव्यांग बच्चों के लिए डेथ चैंबर साबित हो रहा है. ये पहली बार नही है कि यहां बच्चों की मौत हुई है बल्कि समाचार एजेंसियों के मुताबिक यहां पिछले 7 महीनों से बच्चों की मौतों का सिलसिला चल रहा है. पिछले 7 महीने में इस आशा किरण होम में 27 बच्चों की मौत हो चुकी है. इसी साल जनवरी से लेकर अब तक में 27 बच्चे मौत के मुंह में समा चुके हैं, इसमें जनवरी में 3, फरवरी में 2, मार्च में 3 , अप्रैल में 2 , मई में 1 , जून में 3 और अब जुलाई में 14 बच्चों की मौत की खबर है.
हैरानी की बात ये है कि इतने गंभीर विषय पर भी दिल्ली सरकार के अधिकारी बात करने के लिए तैयार नहीं है. समाचार चैनलों से बात करते हुए रोहिणी एसडीएम ने इस मामले के सत्यता की पुष्टि की है.
क्यों हो रही है आशा किरण होम में बच्चों की मौतें ?
दिल्ली का आशा किरण होम एक सरकारी शेल्टर होम है जहां 350 बच्चों के रहने की क्षमता है लेकिन रिपोर्ट से मुताबिक यहां कम से कम 884 बच्चे रहते हैं. जगह और सुविधा की कमी के कारण बच्चों को जहां जगह मिलती है, वहीं सो जाते हैं. इस शेल्टर होम में इससे पहले भी लगतार मौतें होती रही हैं. इस बार भी बच्चो की मौत की वजह देखभाल की कमी और पानी की गड़बड़ी बताई जा रही है.
पहले भी हो चुकी हैं यहां मौतें
24 सितंबर, 2014 को इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के मानसिक आरोग्य गृह में सरकारी उदासीनता के कारण हर सप्ताह एक मौत की खबर रिपोर्ट की गई थी.

इस मानसिक आऱोग्य होम से लगातार बच्चो के मौत की खबरें आती रहती हैं, हर बार हो हल्ला मचता है लेकिन फिर वही हाल.अब इस बार 20 दिन के अंदर 14 बच्चों की मौत की खबर बाहर आते ही दिल्ली सरकार के मंत्रियों ने जांच कराने की बात कही है. यहां हो रही मौत को रहस्य बनाकर रखा जा रहा है..यहां तक की अधिकारी भी जानकारी देने से कतरा रहे हैं.पूछे जाने पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट के ना मिलने की बात की जा रही है. मीडिया में बवाल मचने के बाद दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री आतिशी ने जांच के आदेश दिये हैं और 48 घंटे में मजिस्ट्रेट से जांच की रिपोर्ट मांगी है.
दिल्ली सरकार के मंत्री का बीजेपी पर निशाना
दिल्ली सरकार द्वारा संचालित इस होम मे हो रही मौतों के मंत्री गोपाल राय राजनीतिक रंग देने में जुट गये हैं. गोपाल राय ने कहा कि भाजपा के नेता आशा किरण विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे रहे हैं, लेकिन दिल्ली के मयूर विहार में मां-बेटे की हुई मौत पर प्रदर्शन करने नहीं गये, भागकर आशा किरण पहुंच ये क्योंकि ये जानते है कि आशा किरण दिल्ली सरकार के अधीन है. गोपाल राय ने कहा कि मामले के संबध में संबधित विभाग के मंत्री क्लोजली मॉनिटर कर रहे हैं. जो भी लोग दोषी होंगे ,उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा.