सिलक्यारा: उत्तराखंड के सिलक्यारा में पिछले 10 दिन से जमीन के नीचे सुरंग में फंसे UttrakhandTunnelCollapse 41 मजदूरों को पहली बार डिजिटल कैमरे की मदद से देखा गया. सभी 41 मजदूरों को सही सलामत देख कर बचाव दल के साथ साथ देश ने भी राहत की सांस ली. इस समय सिलक्यारा में खदान UttrakhandTunnelCollapse के बाहर कई तरह के विशेषज्ञ मौजूद हैं, जो अपनी अपनी एक्सपर्टीज से खदान में फंसे मजदूरों की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं. आज जब पहली बार पाइप के जरिये कैमरा सुरंग में भेजा गया तब बाहर मौजूद एक्सपर्ट्स ने मजदूरों से बात की.
सिलक्यारा, उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग के अंदर फँसे श्रमिकों से पहली बार एंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरे के माध्यम से बातचीत कर उनका कुशलक्षेम पूछा गया। सभी श्रमिक बंधु पूरी तरह सुरक्षित हैं। pic.twitter.com/vcr28EHx8g
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) November 21, 2023
इलाका जहां से सीधा मजदूरों तक जाने का बनेगा रास्ता
ये वो इलाका है जहां से RVNL और ONGC की टीम 88 मीटर सीधी जमीन खोद कर मजदूरों कर पहुंचने का रास्ता बनाया जायेगा.
First visual from the top of Area for vertical pipeline, from this point today RVNL & ONGC will dig 88 mtrs vertically for #Tunnel at #Brahmkhal, #Uttarkashi. #UttrakhandTunnelCollapse@indiatvnews pic.twitter.com/bLu3B8otSw
— Manish Prasad (@manishindiatv) November 20, 2023
UttrakhandTunnelCollapse मनोचिकित्सक की सलाह
यहां मौजूद मनोचिकित्सक अभिषेक शर्मा ने मजदूरों के सलाह दी कि वे अपना समय व्यतीत करने के लिए एक दूसरे से बात करें, थोड़ा टहलें और योग करें. समचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक सुरंग के बाहर मौजूद मनोचिकित्सक अभिषेक शर्मा ने खदान के अंदर फंसे मजदूरो के मानसिक स्वास्थ को बनाये रखने के लिए उन्हें शारीरिक रुप से कुछ ना कुछ करते रहने की सलाह दी . अभिषेक शर्मा का कहना है कि मजदूरों को आपस में बातचीत करते रहना चाहिये इससे वे सभी मानसिक रुप से ठीक और स्वस्थ रहेंगे.
मजदूरों को मानसिक रुप से मजबूत रखना सबसे जरुरी-अभिषेक शर्मा,मनोचिकित्सक
सिलक्यारा में बचाव दल के साथ काम कर रहे मनोचिकित्सक अभिषेक शर्मा का कहना है कि इस समय खदान के अंदर फंसे मजदूरों के मानसिक स्वास्थ को बनाये रखने के लिए उनका ठीक से नींद लेना अनिवार्य है. हलांकि अभी तक की जानकारी के मुताबिक किसी मजदूर को सोने में समस्या नहीं आई है. मनोचिकित्सक अभिषेक शर्मा के मुताबिक खदान के अंदर करीब 2 किलोमीटर का क्षेत्र है जहां ये लोग चहलकदमी कर सकते हैं.
मंगलवार को कैमरे के जरिये मजदूरों से हुए बात
आपको बता दें कि सोमवार को 9 दिन के बाद बचाव दल और विशेषज्ञों को खदान के अंदर मजदूरों तक पाइप के जरिये ताजा खाना भेजने में सफलता मिली थी. 41 मजदूरों के लिए पाइप के जरिये खिचडी भेजी गई ती. मंगलवार को खदान के भीतर कैमरा भेजा गया, जिसके जरिये बाहर मौजूद लोगों ने उनसे बात की औऱ ये जानकर राहत मिली की सभी लोग सुरक्षित हैं.