UP Women Safety,लखनऊ: महिलाओं को सम्मान देने के साथ-साथ योगी सरकार उनकी सुरक्षा पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है. यही वजह है कि महिला संबंधी मामलों के निस्तारण में उत्तर प्रदेश पूरे देश में अव्वल है. योगी सरकार के हाथों में उत्तर प्रदेश की कमान आने के बाद पिछले कई वर्षों से यह उपलब्धि प्रदेश के पास ही है. इसमें उत्तर प्रदेश वुमेन पॉवर हेल्पलाइन का खासा योगदान है.
UP Women Safety को लेकर आ रही शिकायतों को पर त्वरित कार्रवाई
वुमेन पॉवर हेल्पलाइन (1090) के वर्ष 2023 के आंकड़ों पर गौर करें तो विभाग ने शत-प्रतिशत महिलाओं की शिकायतों का निस्तारण कर सीएम योगी के विजन को मिशन के रूप में धरातल पर उतारा है. विभाग ने पिछले 19 माह में 6 लाख से अधिक शिकायतों का समय के साथ समय निस्तारण किया है. इसमें वर्ष-2023 में शत-प्रतिशत यानी 4,09,434 में से 4,09,433 शिकायतों का निस्तारण किया गया, जबकि एक कॉल को डिफॉल्ट पाया गया है. वहीं, वर्ष 2024 में 30 अगस्त तक हेल्पलाइन पर 83.92 प्रतिशत मामलों का निस्तारण किया गया. इस दौरान कुल 3,04,481 कॉल रजिस्टर्ड की गयीं, जिसमें से 2,55,535 मामलों को निस्तारित किया गया. निस्तारण का यह डाटा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा महिलाओं की सुरक्षा और आत्मसम्मान की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
वर्ष 2023 में प्रतिदिन औसतन 1,122 मामलों का हुआ निस्तारण
वुमेन पॉवर हेल्पलाइन की एडीजी पद्मजा चौहान ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरुप प्राथमिकताओं के आधार पर महिला संबंधी शिकायतों का निस्तारण किया जा रहा है. इसके साथ ही उन्हें तत्काल सहायता भी पहुंचायी जा रही है. उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष 2023 में प्रतिदिन औसतन 1,122 शिकायतों का निस्तारण किया गया जबकि 1,70,734 शिकायतों को काउंसिलिंग के जरिये निस्तारित किया गया. वहीं 62,667 मामलों में एफआईआर दर्ज की गयी. इसके अलावा शेष सभी अन्य कॉल्स को संबंधित विभाग (डायल-112, फायर डिपार्टमेंट, अपराध जगत आदि) में हस्तांतरित कर तत्काल सहायता दिलायी गयी. पिछले वर्ष सबसे अधिक इंटरनेट/सोशल मीडिया से संबंधित 56,973 शिकायतें दर्ज की गयी, जिसका रेश्यो कुल शिकायतों का 13.92 प्रतिशत रहा. इसी तरह परिवार संबंधी 5,460 मामले आए, जिसे ऑनलाइन फैमिली काउंसिलिंग के जरिये निस्तारित किया गया, जिसका रेश्यो कुल शिकायतों का1.33 प्रतिशत है. इसके अलावा पीछे करने के 994 मामले आए, जिसका रेश्यो कुल शिकायतों का 0.24 प्रतिशत है. वहीं सबसे अधिक लखनऊ से 40,972 मामले आए जबकि दूसरे नंबर पर कानपुर नगर से 18,358 मामले, तीसरे नंबर पर प्रयागराज से 14,698 मामले, चौथे नंबर पर आजमगढ़ से 12,388 मामले और पांचवें नंबर पर गोरखपुर से 12,354 मामले आए. इसी तरह सबसे अधिक लखनऊ के थानों को कार्यवाही के लिए 5,547 मामले ट्रांसफर किये गये जबकि दूसरे नंबर पर कानपुर नगर को 3,218, तीसरे नंबर पर प्रयागराज को 2,495 मामले, चौथे नंबर पर उन्नाव को 1,865 और पांचवें नंबर पर जौनपुर को 1,857 मामले थानों को कार्यवाही के लिए ट्रांसफर किये गये.
काउंसिलिंग के जरिये 1,70,734 मामलों को किया गया निस्तारित
वुमेन पावर हेल्पलाइन के मीडिया को-आर्डिनेटर विनोद यादव ने बताया कि इस वर्ष जनवरी से 30 अगस्त तक हेल्पलाइन पर 3,04,481 कॉल रजिस्टर्ड की गयीं। इसमें से 2,55,535 मामले को निस्तारित किया गया, जिसका रेश्यो 83.92 प्रतिशत रहा. वहीं शेष अन्य कॉल को युद्धस्तर पर निस्तारित करने की दिशा कार्य किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि प्रतिदिन औसतन 1,047 शिकायतों का निस्तारण किया गया जबकि 1,70,734 शिकायतों को काउंसिलिंग के जरिये निस्तारित किया गया. वहीं 36,260 मामलों में एफआईआर दर्ज की गयी. इसके अलावा शेष सभी अन्य कॉल्स को संबंधित विभाग (डायल-112, फायर डिपार्टमेंट, अपराध संबंधी आदि) में हस्तांतरित कर तत्काल सहायता दिलायी गयी. अगस्त तक सबसे अधिक इंटरनेट/सोशल मीडिया से संबंधित 43,894 शिकायतें दर्ज की गयी, जिसका रेश्यो कुल शिकायतों का 14.42 प्रतिशत रहा. इसी तरह परिवार संबंधी 3,352 मामले आए, जिसे ऑनलाइन फैमिली काउंसिलिंग के जरिये निस्तारित किया गया, जिसका रेश्यो कुल शिकायतों का 1.10 प्रतिशत है. इसके अलावा पीछे करने के 558 मामले आए, जिसका रेश्यो कुल शिकायतों का 0.18 प्रतिशत है.
राजधानी लखनऊ में आये सबसे अधिक 31 हजार से अधिक मामले
यूपी में लखनऊ से सबसे अधिक 31,729 मामले आए जबकि दूसरे नंबर पर कानपुर नगर से 14,341 मामले, तीसरे नंबर पर प्रयागराज से 11,694 मामले, चौथे नंबर पर आजमगढ़ से 10,186 मामले और पांचवें नंबर पर गोरखपुर से 9,760 मामले आए. इसी तरह सबसे अधिक लखनऊ के थानों को कार्यवाही के लिए 3,820 मामले ट्रांसफर किये गये जबकि दूसरे नंबर पर कानपुर नगर में 2,270, तीसरे नंबर पर प्रयागराज में 1,764 मामले, चौथे नंबर पर गोरखपुर में 1,284 और पांचवें नंबर पर उन्नाव में 1,259 मामले को थानों पर कार्यवाही के लिए ट्रांसफर किये गये.