अपनी फिल्म इमरजेंसी ‘Emergency’ को लेकर मचे बवाल के बीच, खबर है कि अभिनेत्री-निर्देशक कंगना रनौत ने सेंसर बोर्ड द्वारा सुझाए गए कट्स को अपनी आगामी फिल्म के लिए स्वीकार कर लिया है.
सोमवार को, केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित किया कि कंगना, जो फिल्म की सह-निर्माता भी हैं, बोर्ड की पुनरीक्षण समिति द्वारा सुझाए गए कट्स से सहमत हैं.
फिल्म ‘Emergency’ के लिए सुझाए गए कट्स से सहमत कंगना
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, यह दलील जस्टिस बीपी कोलाबावाला और फिरदौस पूनीवाला की बेंच के समक्ष अधिवक्ता अभिनव चंद्रचूड़ ने दी, जो सीबीएफसी का प्रतिनिधित्व करते हैं.
कोर्ट फिल्म के सह-निर्माता ज़ी स्टूडियोज की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें फिल्म के लिए सेंसर सर्टिफिकेट जारी करने की मांग की गई है. यह याचिका तब दायर की गई थी, जब फिल्म को लेकर कुछ लोगों ने सिख समुदाय के गलत चित्रण को लेकर इस प्रोजेक्ट पर रोक लगाने की मांग की थी.
Emergency release को लेकर अब तक केस में क्या हुआ?
26 सितंबर को हुई सुनवाई में फिल्म सेंसर बोर्ड (सीबीएफसी) ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया था कि वह बीजेपी सांसद कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ को सेंसर सर्टिफिकेट जारी कर देगा, बशर्ते निर्माता कुछ अनुशंसित कट्स करें.
इससे पहले 19 सितंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट की बेंच ने कहा था, “आपको (सीबीएफसी) किसी न किसी तरह से फैसला लेना ही होगा. आपको यह कहने का साहस होना चाहिए कि यह फिल्म रिलीज नहीं हो सकती. कम से कम तब हम आपके साहस और हिम्मत की सराहना करेंगे. हम नहीं चाहते कि सीबीएफसी तटस्थ रहे.” कोर्ट ने इसके साथ ही ‘ Emergency ‘ के लिए प्रमाणपत्र जारी करने पर फैसला न करने के लिए सीबीएफसी को फटकार भी लगाई थी.
अदालत ने सीबीएफसी को 25 सितंबर तक अपना फैसला लेने का निर्देश दिया था.
फिल्म को 6 सिंतबर को होना था रिलीज़
इमरजेंसी 6 सितंबर को रिलीज होनी थी. कंगना, जिन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत इंदिरा गांधी की मुख्य भूमिका निभाने के अलावा फिल्म का निर्देशन और सह-निर्माण किया है, ने इस सप्ताह की शुरुआत में सीबीएफसी पर रिलीज में देरी करने के लिए प्रमाण पत्र में देरी करने का आरोप लगाया था.
सिख संगठनों, जिनमें शिरोमणि अकाली दल भी शामिल है, द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद यह जीवनी पर आधारित फिल्म विवादों में फंस गई है. इन संगठनों ने फिल्म पर समुदाय को गलत तरीके से पेश करने और ऐतिहासिक तथ्यों की गलत व्याख्या करने का आरोप लगाया है.
कोर्ट ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें सीबीएफसी को फिल्म इमरजेंसी के लिए प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश देने की मांग की गई थी.
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