Chakradhar Festival: शास्त्रीय संगीत और नृत्य शैलियों का प्रदर्शन और देश-विदेश के प्रसिद्ध कलाकारों की प्रस्तुति के साथ 7 सितंबर को शुरू हुआ 39वां चक्रधर महोत्सव सोमवार को छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में संपन्न होगा.
यह महोत्सव, जो रायगढ़ के महाराजा चक्रधर सिंह (1905-1947) की परंपराओं को जीवित रखता है, 1985 में शुरू किया गया था और 1987 में आधिकारिक तौर पर इसे ‘चक्रधर महोत्सव’ नाम दिया गया. महाराजा शास्त्रीय कलाओं के एक प्रसिद्ध संरक्षक थे, जिन्हें कथक के रायगढ़ घराने की स्थापना और हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है.
हेमा मालिनी, राकेश चौरसिया की परफॉर्मेंस ने जीता दिल
इस साल के महोत्सव में प्रसिद्ध कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दीं. दिग्गज अभिनेत्री हेमा मालिनी ने भरतनाट्यम प्रस्तुत किया, ग्रैमी पुरस्कार विजेता राकेश चौरसिया ने अपनी बांसुरी वादन से मंत्रमुग्ध कर दिया और अभिनेत्री मीनाक्षी शेषाद्रि ने 30 साल बाद शास्त्रीय नृत्य में उल्लेखनीय वापसी की. संतूर वादक राहुल शर्मा ने फ्यूजन संगीत प्रस्तुत किया, जबकि पद्मश्री रंजना गौहर ने कबीर पर ओडिसी नृत्य प्रस्तुत किया. गजेंद्र पांडा ने “रामनामृतम” पर नृत्य प्रस्तुत किया और अन्य मुख्य आकर्षणों में रामलाल बारेठ और बसंती वैष्णव द्वारा प्रस्तुतियां शामिल थीं.
Chakradhar Festival: कवि सम्मेलन से होगा महोत्सव का समापन
महोत्सव का समापन सोमवार को कुमार विश्वास और पद्मश्री सुरेंद्र दुबे की मौजूदगी में आयोजित कवि सम्मेलन के साथ होगा. महोत्सव में शास्त्रीय गायन, वाद्य संगीत, नृत्य, लोक संगीत और कव्वाली शामिल है, जो क्षेत्र की सांस्कृतिक विविधता और समृद्धि को दर्शाता है.
महोत्सव का उद्घाटन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया और उद्घाटन के अवसर पर मुख्यमंत्री ने रायगढ़ में एक नए संगीत महाविद्यालय की स्थापना की भी घोषणा की. रायगढ़ के जिला कलेक्टर कार्तिकेय गोयल ने कहा, “रायगढ़ कला का केंद्र है और चक्रधर महोत्सव ने देश भर के कला प्रेमियों के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाई है. पिछले कुछ वर्षों में इस महोत्सव ने भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.”
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