Sunday, December 8, 2024

हिंदुस्तान समर्थक पकिस्तानी लेखक तारीक फतेह का कनाडा में निधन, 73 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा

दिल्ली : पाकिस्तानी मूल के लेखक और पत्रकार तारीक फतेह (Tarek Fateh) का 73 साल की उम्र में निधन हो गया है . वो लंबे समय से बीमार थे और अस्पताल में भर्ती थे. तारीक फतेह (Tarek Fateh) का निधन कनाडा में हुआ . उनके निधन की जानकारी उनकी बेटी नताशा ने ट्टीट करके दी. नताशा ने ट्वीटर पर लिखा है –

पंजाब का शेर

हिंदुस्तान का बेटा

कमाडा का प्रेमी

सच्चाई का सिपाही

न्याय का पैरोकार,  दबे कुचलों  और शोषितों की आवाज तारीक फतेह अब नहीं रहे .उन्होंने क्रांति की मशाल को उन सभी के लिए हवाले कर दिया है जो लोग उन्हें प्यार करते थे.

कट्टरपथिंयों के निशाने पर रहे तारीख फतेह

तारीख फतेह पाकिस्तान के होने बावजूद अक्सर भारत समर्थित बयान देने और भारत के प्रति उदार रुख रखने के कारण चर्चा में रहते थे. खास कर आम मुसलमानों से अलग राय रखने के कारण हिंदुस्तान समेत कई देशों में उन्हें तीखी आलोचनाओं का भी शिकार होना पड़ता था.

पाकिस्तन में पैदा होने के बावजूद भारत से था लगाव

तारीख फतेह का जन्म 20 नवंबर 1949 को कराची में हुआ था. उनका परिवार हलांकि मुंबई का रहने वाला था लेकिन बंटबारे के समय पाकिस्तान चला गया था. उन्होंने पाकिस्तान के कराची यूनिवर्सिटी से बायो कैमेस्ट्री में डिग्री ली लेकिन बाद में पत्रकारिता के क्षेत्र मे आ गये.

दो बार जेल गये थे तारीक फतेह

तारीक फतेह ने एक पाकिस्तान टीवी चैनल में बतौर खोजी पत्रकार काम किया. 1970 तक उन्होंने पत्रकारिता की. अपनी रिपोर्टिंग के कारण उन्हें दो बार जेल तक जाना पड़ा. बाद में उन्होंने पाकिस्तान छोड़ दिया और साउदी अरब में शिफ्ट हो गये. 1987 में उन्होने साउदी छोड़कर कनाडा  का रुख कर लिया और फिर वहीं की सिटिजनशिप ले ली.

दो किताबों से मशहूर हुए तारीक फतेह

तारिक फतेह मूल रुप से एक लेखक थे. उन्होने कनाडा मे रहते हुए कई पुस्तकें लिखी. इनमें से  “द ट्रैजिक इल्युजन ऑफ एन इस्लामिक स्टेट”  और  “चेंजिंग ए मिराज”  नाम की दो पुस्तक बेहद मशहूर हुई.

तारीक फतेह अपने उदारवादी  विचारों के कारण अक्सर विवादों के घेरे मे रहते थे. खास कर हिंदुस्तान के मुसलमानों से संबंधित विषयों  पर बेवाक विचार रखने पर आलोचना का शिकार होते थे.

समलैंगिकों को समान अधिकार  देने के पक्षधर थे तारीक फतेह

तारीक फतेह के समलैंगिकों लेकर दिये  बयान दिये भी अक्सर चर्चा में रहते थे. तारीख फतेह समलैंगिकों को समान अधिकार और उनके हितों की रक्षा के पक्ष में हमेशा आवाज उठाये रहे .

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