Saturday, December 14, 2024

चैंपियन्स ट्रॉफी के आयोजन पर लटकी तलवार,पाकिस्तान को हो सकता है करोड़ों का नुकसान

ICC champions trophy 2025  इस साल पाकिस्तान में आयोजित किया जाना है लेकिन इसके वेन्यू और शिड्यूल को लेकर सस्पेंस बना हुआ है, क्योंकि भारत ने पहले ही ये कह दिया है कि भारत की टीम पाकिस्तान जाकर मैच नहीं खेलेगी. खिलाडियो की सुरक्षा का हवाला देते हुए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI )  ने पाकिस्तान में खेलने जाने के लिए भारतीय टीम को अनुमति नहीं दी है.बीसीसीआई ने पहले ही अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटे काउंसिल (ICC )को अपने फैसले अवगत कर दिया है. भारत के प्रतिरोध के बाद ICC ने टूर्नामेंट के आयोजन को हाईब्रिड मॉडल के तहत कराने का सुझाव दिया है और इसके लिए 29 नवंबर को एक्जीक्यूटिव बॉडी की एक इमरजेंसी बैठक दुबई में  बुलाई गई, जिसमें हाईब्रिड मॉडल पर टूर्नामेंट करने पर विचार किया गया.

ICC champions trophy 2025 : हाइब्रिड मॉडल पर पाकिस्तान का इंकार, ICC ने दिया अल्टीमेटम

बैठक में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने  ‘हाइब्रिड मॉडल’ के तहत इस टूर्नामेंट की  मेजबानी करने से स्पष्ट इनकार कर दिया. ऐसे में  ICC ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को अल्टीमेटम दे दिया है. बैठक में हिस्सा लेने के लिए पीसीबी के अध्यक्ष मोहसिन नकवी कई दिनों से दुबई में रुके हुए थे. वहीं बीसीसीआई के सचिव जय शाह बैठक ने शुक्रवार की बैठक में ऑनलाइन हिस्सा लिया. जय शाह 1 दिसंबर को आईसीसी के चेयरमैन का पद संभालेंगे.

शुक्रवार को आईसीसी की बैठक में ज्यादातर लोग पाकिस्तान के साथ सहानुभूति दिखाते दिखे लेकिन अधिकतर सदस्यों ने पीसीबी को हाईब्रिड मॉडल स्वीकर करने का सलाह दी. पीसीबी ने इस प्रस्ताव पर फैसला लेने के लिए एक दिन का समय मांगा ताकि बोर्ड अपनी सरकार के साथ इस मुद्दे पर इंटरनल चर्चा कर सके.

ICC के ‘हाइब्रिड मॉडल’ को अगर पाकिस्तान स्वीकार करता है, इस स्थिति में भारत के साथ होने वाले सभी मैच और एक सेमीफाइनल और टूर्नामेंट का  फाइनल यूएई में आयोजित होगा, जबकि बाकी मुकाबले पाकिस्तान में ही होंगे .पाकिस्तान के पास मेजबानी का अधिकार सुरक्षित रहेगा.

अगर पाकिस्तान हाइब्रिड मॉडल पर नहीं हुआ राजी तो  

भारत के  पाकिस्तान जाकर मैच ना खेलने के फैसले के बाद पाकिस्तान के पास केवल एक हाईब्रिह मॉडल ही बचता है. अगर टूर्नामेंट के आयोजन को रद्द किया जाता है, तो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को 60 लाख डॉलर  यानी करीब 50 करोड़ 73 लाख रुपये के मेजबानी शुल्क से हाथ धोना पड़ेगा. इसके साथ ही पीसीबी को हर साल मिलने वाले वार्षिक राजस्व में भी भारी कटौती हो सकती है. पीसीबी को हर साल वार्षिक राजस्व शुल्क के तौर पर लगभग 350 लाख डॉलर  यानी लगभग 296 करोड़ रुपया मिलता है. अगर चैंपियंयस ट्राफी रद्द होती है तो इसका नुकसान ICC को भी उठाना पड़ेगा कियोंकि आफिशियल ब्रॉडकास्ट STAR भी आईसीसी के साथ हुए अपने अरबों डॉलर के करार पर फिर से विचार कर सकता है.

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