Swati Maliwal Assault Case: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी बिभव कुमार को राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल पर कथित हमले के मामले में जमानत दे दी. कोर्ट ने बिभव कुमार के सीएम आवास पर जाने और केजरीवाल के निजी सचिव का पद संभालने पर रोक लगाई है.
कोर्ट ने माना कि बिभव कुमार ने इन 108 दिनों में बहुत कुछ सहा है-बिभव के वकील
सुप्रीम कोर्ट के बिभव कुमार को जमानत दिए जाने पर उनके अधिवक्ता विवेक जैन ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि बिभव कुमार ने इन 108 दिनों में बहुत कुछ सहा है, यह 308 का मामला है और इसलिए, उन्होंने इस सिद्धांत को दोहराया है कि जमानत नियम है और जेल अपवाद है. और खासकर उन मामलों में जहां जांच पूरी हो गई है, और आरोप पत्र दायर किया गया है. उन सिद्धांतों पर, योग्यता पर कोई टिप्पणी किए बिना, सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है और कुछ शर्तें लगाई हैं…”
इन शर्तों पर मिली बिभव कुमार को बेल
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सभी प्रमुख गवाहों की जांच होने तक कुमार को सीएम के निजी सचिव के रूप में अपना पद संभालने या सीएम आवास में प्रवेश करने से रोक दिया.
इसके साथ ही अदालत ने बिभव कुमार को मामले के खिलाफ बोलने से भी रोक है, ये पाबंदी जबतक रहेगी जबतक कि कमजोर गवाहों की जांच नहीं हो जाती. अदालत ने ट्रायल कोर्ट से कहा कि वह इस प्रक्रिया को अधिमानतः 3 सप्ताह में पूरा करे. और इस दौरान बिभव कुमार पर कोई भी आधिकारिक पद लेने से रोक लगाई.
क्या है Swati Maliwal assault case
दिल्ली पुलिस ने राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल की शिकायत पर 18 मई को केजरीवाल के आवास से कुमार को गिरफ्तार किया था. मालीवाल ने एफआईआर में आरोप लगाया था कि कुमार ने बिना किसी उकसावे के उन्हें 7-8 बार थप्पड़ मारे, उन पर झपटा, उनकी छाती और कमर पर लात मारी और 13 मई को जब वह दिल्ली के मुख्यमंत्री से मिलने गई थीं, तो केजरीवाल के आवास पर जानबूझकर उनकी शर्ट ऊपर खींची.
स्वति मालीवाल के आरोपों के जवाब में गिरफ्तारी से पहले, बिभव कुमार ने 17 मई को दिल्ली पुलिस को ईमेल के माध्यम से दी गई शिकायत में आरोप लगाया था कि यह मालीवाल ही थीं जिन्होंने “जबरन और अनाधिकृत रूप से सीएम आवास में प्रवेश किया, उनके साथ दुर्व्यवहार किया और मारपीट की तथा उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी”. बिभव कुमार ने यह भी आरोप लगाया कि जब कुमार ने उन्हें सीएम आवास के मुख्य भवन में प्रवेश करने से रोका तो सांसद ने उनके खिलाफ झूठा मामला दर्ज करने और जेल भेजने की धमकी दी.
सबूत के तौर पर पुलिस ने बिभव कुमार का मोबाइल फोन, सिम कार्ड और सीएम आवास पर लगे सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर/एनवीआर जब्त किया था. 30 जुलाई को कोर्ट ने बिभव कुमार के खिलाफ 16 जुलाई को दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया. दिल्ली पुलिस की चार्जशीट 500 पन्नों की है. दिल्ली पुलिस ने 100 लोगों से पूछताछ की और 50 को गवाह बनाया.