ISRO Mission Spadex : भारतीय अंतरिक्ष संस्थान केंद्र (ISRO) ने ‘स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट’ को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है. इसरो ने ये स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट मिशन को पीएसएलवी रॉकेट के जरिए लांच किया है. ये लांचिंग सोमवार रात ठीक 10 बजे आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से की गई.
ISRO Mission Spadex : अंतरिक्ष मिशन के क्षेत्र में बड़ा प्रयोग
लांचिंग के बाद इसरो (ISRO) ने अपने बयान में कहा कि ये मिशन भारत के अंतरिक्ष मिशन के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा. इस मिशन क दौरान अंतरिक्ष में दो उपग्रहों को परस्पर जोड़ा जायेगा और अलग किया जाएगा. अधिकारियों के मुताबिक इस मिशन की सफलता के बाद भारत अपने आने वाले चंद्रयान-4 मिशन , अपना स्पेस स्टेशन और चांद पर किसी भारतीय यात्री को उतारने के सपनों को साकार करेगा.
अंतरिक्ष में जनवरी के महीने में होगा प्रयोग
स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट’ के बारे में इसरो के अधिकारियों की तरफ से बताया गया कि पीएसएलवी रॉकेट में दो अंतरिक्ष यान- स्पेसक्राफ्ट ए (एसडीएक्स01) और स्पेसक्राफ्ट बी (एसडीएक्स02) को ऐसी कक्षा में रखा जाएगा जो उन्हें कम से कम एक दूसरे से पांच किलोमीटर दूर रखेगा. एस्सपेरिमेंट के दौरान वैज्ञानिक इन दोनों स्पेसक्राफ्ट को एक दूसरे से करीब तीन मीटर तक पास लाने की कोशिश करेंगे. इसी दौरान ये दोनो स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी से लगभग 470 किलोमीटर की ऊंचाई पर अंतरिक्ष में मिलकर एक हो जाएंगे. इसी प्रक्रिया को डॉकिंग कहा जाता है. एक बार डॉकिंग के बाद इन दोनों स्पेसक्राफ्ट को अलग अलग यानी अनडॉकिंग भी किया जाएगा.
अमेरिका रुस के साथ खास क्लब में होगी एंट्री
इसरो का ये प्रयोग सफल रहा तो भारत,अमेरिका रुस और चीन के साथ ऐसा करने वाला चौथा देश होगा. भारत की एंट्री अंतरिक्ष में खास तरह के प्रयोग करने वाले क्लब में हो जायेगी.
इस प्रयोग के बारे में इसरो ने अधिकारियों ने बताया कि पीएसएलवी इन दोनो उपग्रहों ( स्पेसक्राफ्ट) को अंतरिक्ष में 476 किलोमीटर की गोलाकार कक्षा में स्थापित करेगा और फिर जनवरी के पहले सप्ताह में डॉकिंग यानी स्पैडेक्स का प्रयास का जायेगा.