Thursday, March 27, 2025

झारखंड में डॉक्टरों के लिए बनेगा कड़ा नियम, 10,000 नई नौकरियां देने की घोषणा

रांची. झारखंड में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं या फिर नर्सिंग से लेकर स्वास्थ्य फील्ड में अपनी सेवा देने की सोच रहे हैं, तो खुश हो जाइए. स्वास्थ्य मंत्री की तरफ से बहुत बड़ी घोषणा हुई है. इसके बाद हेल्थ फील्ड में नौकरी पाने की चाहत रखने वाले युवाओं को कई अवसर मिलेंगे. दरअसल, रंगोत्सव होली से ठीक पहले बुधवार को स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त और गति देने के लिए 163 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया. इसी दौरान अहम घोषणा हुई.

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने बुधवार को नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में सभी नियुक्ति पत्र पाने वाले डॉक्टर्स, ओटी अस्सिटेंट से आग्रह किया कि वे जनता की सेवा में भावनात्मक जुड़ाव के साथ लगें. आने वाले दिनों में विभाग डॉक्टर्स, पारा मेडिकल स्टाफ, अस्पताल मैनेजरों सहित लगभग 10 हजार लोगों को बहाल करेगा. इसके साथ-साथ कई नए मेडिकल कॉलेज खोलने की भी बात स्वास्थ्य मंत्री ने कही.

यूक्रेन का दिया उदाहरण

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि यूक्रेन में हमने देखा कि जब हमारे डीन गांव ले जाते थे, तो वहां पर कॉटेज रहता था और उसमें चिकित्सा की अच्छी खासी सुविधा रहती थी. इसी तरह के कॉटेज हम भी अब विलेज में बनाने की सोच रहे हैं, ताकि इमरजेंसी में वहीं इलाज हो सके और शहर आने के क्रम में इलाज में देरी होने की संभावना न रहे.

और एंबुलेंस चलाएंगे

इसके अलावा 108 स्वास्थ्य इमरजेंसी नंबर वाहन की संख्या भी बढ़ाने वाले हैं. कुछ लोगों की शिकायत आती रहती है कि एंबुलेंस की संख्या कम रहती है. ऐसे में हमारी कोशिश है कि इससे जुड़ी जो भी दिक्कत आ रही हैं, उसको तुरंत सॉल्व किया जाएगा. बहुत जल्द आपको आधुनिक उपकरण के साथ और भी एंबुलेंस देखने को मिलेंगी.

झारखंड में बने डॉक्टर तो देनी होगी तीन साल की सेवा

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा, सरकार डॉक्टरों के हितों के लिए हर काम करने के लिए तैयार है. लेकिन, डॉक्टरों को भी राज्यवासियों के प्रति सहानुभूति की भावना रखनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हम ऐसा कानून बनाने जा रहे हैं, जिसके तहत राज्य के हर डॉक्टर को कम से कम तीन साल तक राज्य में रहकर सेवा देनी ही होगी. मिली जानकारी के अनुसार, कि अभी तक झारखंड से डॉक्टरी में पीजी करने वाले छात्र-छात्राओं को प्रदेश में तीन साल की सेवा अनिवार्य थी. स्वास्थ्य मंत्री की घोषणा के अनुसार, अब ये नियम एमबीबीएस में भी लागू करने की तैयारी है.

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