Saturday, November 15, 2025

ट्रोल्स की आलोचना पर अक्षर पटेल ने दिया जवाब, कहा कप्तान की जिम्मेदारी है टीम पर ध्यान देना

- Advertisement -

नई दिल्ली: भारतीय ऑलराउंडर अक्षर पटेल ने क्रिकेट में एक आम, लेकिन गलत धारणा पर खुलकर बात की है। यह धारणा है कि 'क्या अंग्रेजी बोलने वाला खिलाड़ी ही कप्तान बनने के लायक होता है?' द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में अक्षर ने बताया कि यह सोच न केवल गलत है, बल्कि क्रिकेट की असली जरूरतों से बहुत दूर है। उनका मानना है कि कप्तान का मूल्यांकन भाषा नहीं, क्षमता और टीम मैनेजमेंट के आधार पर होना चाहिए।

'कप्तान का काम खिलाड़ी को समझना है'
अक्षर ने साफ कहा कि लोगों के बीच एक अजीब सी धारणा है कि जो खिलाड़ी अच्छे से अंग्रेजी बोल लेता है, वही कप्तानी के काबिल माना जाता है। उन्होंने कहा, 'लोग कहने लगते हैं- अरे, यह तो अंग्रेजी नहीं बोलता, यह कप्तानी कैसे करेगा? कप्तान का काम सिर्फ बोलना नहीं होता। उसका काम होता है खिलाड़ी को समझना, खिलाड़ी की ताकत और कमजोरी जानना और उससे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवाना।' अक्षर के मुताबिक, कप्तान का असली परीक्षण मैदान पर होता है, जब वह टीम के लिए सही फैसले लेता है, न कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में कितनी धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलता है।

'भाषा कप्तानी का पैमाना नहीं'
अक्षर ने बताया कि यह पूरा मामला एक लोगों की धारणा बन चुकी है। उन्होंने कहा, 'अगर हम कहें अच्छी पर्सनैलिटी चाहिए, अच्छी अंग्रेजी आनी चाहिए, यह जनता की अपनी सोची हुई धारणा है। कप्तानी में भाषा की कोई बाधा नहीं होनी चाहिए।' उनके मुताबिक, क्रिकेट जैसे खेल में संवाद बहुत जरूरी है, लेकिन वह किसी भी भाषा में हो सकता है- हिंदी, गुजराती, मराठी या अंग्रेजी। मकसद सिर्फ इतना है कि खिलाड़ी को बात समझ आए।

सोशल मीडिया से बढ़ती है यह भाषा-आधारित बहस
अक्षर ने इस मुद्दे में सोशल मीडिया की भूमिका को भी अहम बताया। उन्होंने कहा कि आज हर किसी की एक ऑनलाइन छवि बन गई है- कैसे बोलता है, कितना एक्टिव है, क्या पोस्ट करता है, लोग उसी पर राय बनाने लगे हैं। अक्षर ने कहा, 'सब सोशल मीडिया पर क्या दिखता है, उसी से लोग फैसले लेते हैं कौन काबिल है, कौन नहीं। हर कोई अपनी राय देता है- इसे कप्तान बनाओ, इसे मत बनाओ।' अक्षर का मानना है कि मैदान के बाहर की छवि से ज्यादा जरूरी है मैदान पर की समझ और नेतृत्व क्षमता।

अक्षर का कप्तानी मंत्र
दिल्ली कैपिटल्स की कप्तानी कर चुके अक्षर ने बताया कि वह टीम में एक हल्का-फुल्का, दोस्ताना माहौल रखते हैं, लेकिन इसके साथ कड़े प्रोफेशनल मानक भी बनाए रखते हैं। उन्होंने कहा, 'मैं चाहता हूं कि माहौल फ्रेंडली हो, लेकिन कोई चीज़ को हल्के में न ले। जीत के लिए जो जरूरी है, वह पहले करना चाहिए। उसके बाद मज़ा भी होना चाहिए। अगर आप एंजॉय करते हैं, तो बेहतर खेलते हैं।' उनका अनुशासन और मजेदार माहौल का यह संतुलन, उन्हें एक अलग तरह का कप्तान बनाता है।

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news