Saturday, February 15, 2025

सूबे के कलस्टर विद्यालयों में मिलेगी आवासीय सुविधा- डॉ. धन सिंह रावत

विभागीय अधिकारियों को दिये बजट प्रावधान हेतु प्रस्ताव भेजने के निर्देश

कहा, प्रथम चरण में पांच जिलों के एक-एक कलस्टर विद्यालय में बनेंगे छात्रावास

देहरादून। प्रदेश के पर्वतीय जनपदों के दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यार्थियों को आवासीय सुविधा मुहैया की जायेगी। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को बजट प्रावधान के लिये शासन को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिये गये हैं। प्रथम चरण में विपरीत भौगोलिक परिस्थिति वाले पांच जनपदों में एक-एक कलस्टर विद्यालय में छात्रावास बनाया जायेगा।

सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को बताया कि राज्य सरकार प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था के क्षेत्र में लगातार सुधारात्मक कार्य कर रही है। इसी कड़ी में सरकार प्रदेश के पर्वतीय जनपदों के दूरस्थ क्षेत्रों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिये कलस्टर विद्यालयों में आवासीय सुविधा मुहैया कराने जा रही है ताकि इन छात्र-छात्राओं को शिक्षा के सर्वोत्तम अवसर उपलब्ध हो सके। विभागीय मंत्री ने बताया कि कलस्टर विद्यालयों में आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिये विभागीय अधिकारियों को बजट प्रावधान करने के निर्देश दे दिये गये हैं ताकि वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में इस योजना को शामिल किया जा सके।

उन्होंने कहा कि विभागीय स्तर से प्रस्ताव शासन को भेजा दिया गया है। डॉ. रावत ने बताया कि प्रथम चरण में विषम भौगोलिक परिस्थिति वाले पांच जनपदों के एक-एक कलस्टर विद्यालय में आवासीय सुविधा मुहैया कराई जायेगी। इसके लिये इन कलस्टर विद्यालय में 150 विद्यार्थियों की क्षमता वाले छात्रावासों का निर्माण किया जायेगा। डॉ. रावत ने कहा कि वर्तमान में राज्य में छात्र-छात्राओं के लिये आवासीय विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है।

जिसमें 13 राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, 04 राजीव गांधी आवासीय अभिनव विद्यालय, 19 नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय छात्रावास व 39 कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय शामिल है। उन्होंने कहा कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों की विषम परिस्थितियों को देखते हुये इन क्षेत्रों में आवासीय शिक्षा का दायरा बढ़ाया जाना आवश्यक है ताकि यहां अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा उपलब्ध हो सके ।

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news