Friday, January 17, 2025

बीपीएसपी छात्रों के समर्थन में धरना दे रहे पीके न्यायिक हिरासत में भेजे गये, पीके ने जमानत की शर्तें मानने से किया इंकार

Prashant Kishor : गांधी मैदान में अवैध रूप से धरना देने के मामले में गिरफ्तार जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर को अदालत ने न्‍यायिक हिरासत में भेज दिया. जमानत की शर्त मानने से इनकार के बाद प्रशांत किशोर को न्‍यायिक हिरासत में भेजा गया है. प्रशांत किशोर को हालांकि अदालत से जमानत मिल गई थी लेकिन जमानत की जो शर्तें लगाई गई थी उसे मानने से प्रशांत किशोर ने इंकार कर दिया. जिसके कारण अदालत ने पीके को न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला  दिया है.

25 हजार के निजी मुचलके पर कोर्ट ने पीके को दी थी सशर्त जमानत 

अदालत ने प्रशांत किशोर को 25 हजार रुपये के निजी मुचलके पर इस शर्त के साथ जमानत दी थी कि  वो आगे से ऐसे विरोध प्रदर्शनों में शामिल नहीं हो सकते,जिससे कानून व्यवस्था के भंग होने का खतरा हो. प्रशांत किशोर ने बेल बॉण्ड भरने से इनकार कर दिया. प्रशांत किशोर की तरफ से कहा गया है कि विरोध प्रदर्शन करना उनका मौलिक अधिकार है.  पीके ने अदालत से शर्त हटाने की मांग की, जिसे जज ने ठुकरा दिया .

Prashant Kishor को आज सुबह की किया गया था गिरफ्तार 

प्रशांत किशोर को सोमवार सुबह ही गांधी मैदान से दूसरे समर्थको के साथ गिरफ्तार किया गया था.  उनकी इस गिरफ्तारी से समर्थकों में गुस्सा देखने को मिल रहा था. पटना एम्स में मेडिकल टेस्ट के बाद प्रशांत किशोर को सिविल कोर्ट में पेश किया गया, जहां अदालत ने उन्हें जमानत दे दी. हालांकि जब उन्‍होंने जमानत की शर्त मानने से इनकार कर दिया तो अदालत ने उन्‍हें वापस न्‍यायिक हिरासत में भेज दिया. अदालत के फैसल के बाद प्रशांत किशोर की तरफ से कहा गया कि युवाओं के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ अगर आवाज उठाना गुनाह है तो उन्हें जेल जाना मंजूर है. पीके ने कहा कि उनका आमरण अनशन जेल में भी जारी रहेगा.

अवैध स्थल पर धरना देने के कारण पीके की हुई गिरफ्तारी  

प्रशांत किशोर पर प्रशासन की तरफ से ये आरोप लगाया गया  है कि पटना के जिलाधिकारी और संबंधित अधिकारियों के द्वारा बार-बार अनुरोध किए जाने के बावजूद वो गांधी मैदान से नहीं हटे, और अवैध रुप से पटना के गांधी मैदान में लोगों को जमा करके धरना प्रदर्शन करते रहे. जिला प्रशासन का कहना है कि धरना प्रदर्शन के लिए राजधानी में प्रशासन ने एक स्थान निश्चित किया है, अगर किसी को धरना देना है तो उन्हें गर्दनीबाग में जाकर उसी स्थान पर बैठना होगा जिसे प्रशासन ने तय किया है.

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