Tuesday, October 8, 2024

प्रशांत किशोर का बड़ा बयान – सत्ता में आये तो एक घंटे मे खत्म करेंगे शराबबंदी

Prashant Kishor Big Statement :  2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन के मौके पर जनसुराज नाम का अभियान शुरु करने वाले रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने एक लोकलुभावन ऐलान किया है. प्रशांत किशोर ने राज्य में शराबबंदी को ढ़कोसला बताते हुए कहा कि शराबबंदी के कारण राज्य को कम से कम 20 हजार करोड़ के उत्पाद शुल्क का नुकसान हो रहा हैं. इसके आलावा पीके का आरोप है कि  शराबबंदी से राजनेता और नौकरशाह अवैध शराब के कारोबार से जमकर लाभ उठा रहे हैं. इस लिए बिहार में शराबंदी को खत्म करने की जरुरत है.  प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर उनकी राजनीतिक पार्टी चुनाव जीतकर सरकार बनाती है तो वो एक घंटे के भीतर बिहार में शराबबंदी को खत्म कर देंगे.

Prashant Kishor Big Statement  : शराबबंदी का फैसला एक ढ़कोसला 

जन सुराज के संस्थापक प्रशामत किशोर ने कहा कि राज्य में शराबबंदी नीतीश कुमार की सरकार का एक ढकोसला है, और शराबबादी का दावा पूरी तरह से अप्रभावी है. उल्टे शराबबंदी के कारण घरेलू शराब का वितरण बढ़ गया है. राज्य को  20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का उत्पाद शुल्क के रुप में मिलने वाले राजस्व से हाथ धोना पड़ रहा है.प्रशांत किशोर ने कहा कि अवैध शराब के कारण राजनेता और नौकरशाह मनचाहा लाभ उठा रहे हैं. पीके ने कहा कि मैं खुद ‘काबिलियत की राजनीति’ में विश्वास करता हूं  हैं, इसलिए  शराबबंदी पर बोलने से हिचकिचाएंगे नहीं.

बिहार की राजनीतिक के अभिषेक बच्चन हैं तेजस्वी: प्रशांत किशोर

पीके ने अपनी तुलना शाहरुख खान से करते हुए तेजस्वी यादव को बिहार की राजनीति का अभिषेक बच्चन करार दिया है. पीके ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव की पहचान क्या है, यही ना कि वो लालू यादव के बेटे हैं. पीके ने तेजस्वी यादव की शिक्षा पर तंज करते हुए कहा कि तेजस्वी को जीडीपी और जीडीपी विकास दर में भी फर्क नहीं पता होगा. ये बिहार का दुर्भाग्य है कि ज्ञान और बुद्ध की धरती पर हम लोगों ने अनपढ़ और बदमाशों को अपना नेता बना कर रखा है , लेकिन जिस तरह से बॉलिवुड में शाहरुख खान ने अपने लिए रास्ता और पहचान खुद बनाई है, उसी तरह पॉलिटिक्स में प्रशांत किशोर ने अपनी पहचान खुद बनाई है.

पीके ने कहा कि इसीलिए  हमारा रास्ता सीधा नहीं है. अब जनता को तय करना है कि उनको किस पर भरोसा करना है,जिसने अपनी मेहनत और बुद्धि के बल पर अपने लिए रास्ता बनाया है, या उनपर (तेजस्वी यादव) जो अपने बाबूजी (पिताजी) के नाम को लेकर आगे बढ़े हैं.

40 मुस्लिम कैंडिडेट उतारने का ऐलान

पीके ने मंझे राजनेता की तरह बिहार में राजनीतिक गुणा गणित तय कर लिया है. किस किस को जोड़ने से सत्ता के सिंहासन तक पहुंच जा सकता है, इसका जोड़ घटाव कर लिया है.यही कारण है कि  पीके ने पिछल दिनों कहा था कि जैसे ही उनकी पार्टी लांच होगी, इसके एक बड़े हिस्से का प्रतिनिधित्व आबादी के हिसाब से मुसलमानों को मिलेगा. उनकी पार्टी से कम से कम 40 टिकट मुसलमानों को मिलेंगे.

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