Chhatrapati Shivaji statue collapse: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने की घटना के लिए माफी मांगी.
पालघर में मोदी ने कहा, “2013 में भाजपा ने मुझे प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया था. सबसे पहले मैंने रायगढ़ में छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि के सामने एक भक्त के रूप में बैठकर एक नई यात्रा शुरू की.”
उन्होंने कहा, “छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे लिए सिर्फ एक नाम नहीं हैं…आज मैं अपने भगवान छत्रपति शिवाजी महाराज से सिर झुकाकर माफ़ी मांगता हूं.”
सावरकर का नाम लेकर राहुल गांधी पर साधा निशाना
वहीं पीएम मोदी ने सावरकर का नाम लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा. पीएम मोदी ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा, “हमारे मूल्य अलग हैं, हम वो लोग नहीं हैं जो भारत माता के महान सपूत, इस भूमि के सपूत वीर सावरकर को गाली देते और अपमानित करते रहते हैं. वे माफ़ी मांगने के लिए तैयार नहीं हैं, वे अदालत में जाकर लड़ने के लिए तैयार हैं.”
प्रधानमंत्री की यह प्रतिक्रिया 26 अगस्त को 35 फीट ऊंची छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के ढहने को लेकर चल रहे विवाद के बीच आई है.
पीएम ने प्रतिमा का अनावरण पिछले वर्ष 4 दिसंबर को सिंधुदुर्ग में पहली बार आयोजित नौसेना दिवस समारोह में किया था. इस आयोजन का उद्देश्य समुद्री रक्षा और सुरक्षा में मराठा नौसेना और छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत का सम्मान करना था.
कांग्रेस ने Chhatrapati Shivaji statue collapse पर प्रधानमंत्री से माफी की मांग की थी
कांग्रेस ने मूर्ति गिरने पर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा था और इसके लिए पीएम से माफी की मांग की थी. मुंबई कांग्रेस प्रमुख वर्षा गायकवाड़ ने एएनआई के हवाले से कहा था, “छत्रपति शिवाजी महाराज जिनकी पूजा पूरे महाराष्ट्र और भारत में की जाती है, जिन्हें हम “जनता के राजा” कहते हैं, उनकी मूर्ति मालवन के राजकोट किले में बनाई गई थी, जिसका उद्घाटन पीएम मोदी ने किया. सबसे पहले, मैं पीएम मोदी जी से पूछना चाहती हूं कि उन्होंने अरब सागर में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के लिए भूमिपूजन क्यों किया.”
“उस मूर्ति के बनने से पहले ही, मालवन के राजकोट किले में उनकी मूर्ति सिर्फ़ 8 महीने में गिर गई. यह स्पष्ट है कि इसमें भ्रष्टाचार है. मोदी जी, आप कब माफ़ी मांगेंगे?”