IRCTC down: भारतीय रेलवे के ऑनलाइन टिकटिंग प्लेटफॉर्म, भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) में गुरुवार को भारी व्यवधान आया, जिसके कारण यात्री इसकी वेबसाइट और मोबाइल ऐप नहीं कोल पाए.
IRCTC down: रखरखाव गतिविधियों के कारण साइट हुई हैंग
ई-टिकटिंग के लिए जिम्मेदार भारतीय रेलवे की डिजिटल शाखा आईआरसीटीसी ने पुष्टि की है कि यह व्यवधान रखरखाव गतिविधियों के कारण था.
IRCTC ने एक बयान में कहा,”रखरखाव गतिविधि के कारण, ई-टिकटिंग सेवा उपलब्ध नहीं होगी. कृपया बाद में प्रयास करें.”
कॉल कर कैंसल कराए टिकट
दिसंबर में यह दूसरी बार है जब IRCTC पोर्टल में व्यवधान आया है, जिससे नियमित उपयोगकर्ताओं में चिंता बढ़ गई है. एक अलग बयान जारी कर Irctc ने सलाह दी है, कि जो यात्री अपने टिकट रद्द करना चाहते हैं, वे कस्टमर केयर को कॉल करके या टिकट जमा रसीद (TDR) के लिए अपने टिकट विवरण ईमेल करके ऐसा कर सकते हैं. रद्दीकरण सहायता के लिए IRCTC द्वारा प्रदान किए गए संपर्क विवरण हैं: ग्राहक सेवा नंबर: 14646, 08044647999, 08035734999
ईमेल: etickets@irctc.co.in
वैसे IRCTC की साइट में तकनीकी गड़बड़ी का समय इससे बुरा नहीं हो सकता था, क्योंकि कई यात्री व्यस्त छुट्टियों के मौसम में अपनी ट्रेन टिकट बुक करने या प्रबंधित करने के लिए प्लेटफ़ॉर्म पर निर्भर रहते हैं.
IRCTC के शेयर में गिरावट
IRCTC की अस्थायी सेवा बाधा का भी इसके शेयर प्रदर्शन पर असर पड़ा है. आज के कारोबारी सत्र में शेयर में करीब 1% की गिरावट आई है. पिछले हफ़्ते में, शेयर में करीब 4% की गिरावट आई है, और साल-दर-साल आधार पर, इसने 2024 में अब तक निवेशकों को 10% से ज़्यादा का नकारात्मक रिटर्न दिया है.
नए टिकटिंग नियम में 60 दिन पहले ही बुक होगी टिकट
यह व्यवधान भारतीय रेलवे द्वारा अपनी टिकट बुकिंग नीतियों में महत्वपूर्ण बदलाव करने के कुछ हफ़्ते बाद हुआ है. 1 नवंबर से, ट्रेन बुकिंग के लिए अग्रिम आरक्षण अवधि (ARP) को 120 दिनों से घटाकर 60 दिन कर दिया गया, जिससे यात्रियों के लिए टिकट बुक करने की अवधि सीमित हो गई. ओवर-बुकिंग और कैंसिलेशन को रोकने के उद्देश्य से किए गए इस बदलाव को मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है.
नए टिकटिंग नियम लाने का मकसद क्या है
इस बदलाव के पीछे भारतीय रेलवे का तर्क वास्तविक यात्रा मांग की बेहतर ट्रैकिंग और पीक यात्रा अवधि के दौरान विशेष ट्रेनों के लिए अधिक सटीक योजना बनाना है. इस कदम का उद्देश्य ‘नो-शो’ यात्रियों को हतोत्साहित करना है, जो टिकट आरक्षित करते हैं लेकिन रद्द नहीं करते हैं या अपनी यात्रा के लिए नहीं आते हैं. रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, 61 से 120 दिन पहले किए गए लगभग 21% आरक्षण रद्द कर दिए गए, जबकि 5% यात्रियों ने न तो अपनी बुकिंग रद्द की और न ही यात्रा की.
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