Friday, December 13, 2024

मौलाना को नहीं स्वीकार ‘Uniform Civil Code’

लखनऊ:यूनिफॉर्म सिविल कोड Uniform Civil Code जब से लागू करने की बात कही गयी थी तब से ही कई धर्म के ठेकेदार इसके विरोध में खड़े हो गए थे.पर ये है यूनिफॉर्म सिविल कोड Uniform Civil Code चलो पहले ये समझते हैं.

क्या है Uniform Civil Code

यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) Uniform Civil Code सभी धार्मिक समुदायों पर लागू होने के लिए एक देश एक नियम है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 44 के भाग 4 में ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ शब्द का उल्लेख किया गया है. अनुच्छेद 44 कहता है कि “राज्य भारत के पूरे क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता को सुरक्षित करने का प्रयास करेगा.” यह कोड विवाह, तलाक, रखरखाव, विरासत, गोद लेने और उत्तराधिकार जैसे क्षेत्रों को कवर करते हैं. अब आप बताइए आपको इसमें कोई दिक्कत लगी..?पर कुछ लोगो को है इस कानून से परेशानी.

Uniform Civil Code से इनको है परेशानी

इस्लामिक सेंटर ऑफ़ इंडिया के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद ने सरकार से इस यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू ना करने की अपील की है.इस पर तर्क देते हुए मौलाना खालिद रशीद फरंगीमहली ने कहा की यूनिफॉर्म सिविल कोड देश के संविधान का उलंघन है क्योंकि हमारा संविधान सभी को अपने धर्म का पालन करने और उसके तौर तरीके का पालन करने की इजाज़त देता है.

मौलाना ने बताए अपने तर्क

मौलाना ने कहा की मुस्लिम समाज में जो लोग शरीयत के कानून से कुछ नही करना चाहते तो उनके लिए सिविल कोर्ट के दरवाजे तक जाने के लिए रास्ते खुले हैं .यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर उन्होंने कहा कि सिविल कोर्ट में स्पेशल मैरिज एक्ट है लोग उसके अनुसार भी शादी विवाह करते हैं इसलिए यूनिफॉर्म सिविल कोड की कोई ज़रूरत नही है.साथ ही हमारे देश में तमाम मज़हब को मानने वाले लोग रहते हैं और सबके अपने पर्सनल लॉ हैं जिनका पालन करने की हमारा संविधान इजाज़त देता है.

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