Tuesday, December 9, 2025

आपका वोट खतरे में…भोपाल में 4 लाख 7944 नाम वोटर लिस्ट से बाहर…मंत्री कृष्णा गौर की विधानसभा में सबसे ज्यादा असर…जानें कैसे बचाएं अपना नाम

Bhopal News: भोपाल में मतदाता सूची को अपडेट करने की स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन प्रक्रिया के दौरान बड़ी संख्या में ऐसे वोटर्स सामने आए हैं, जो या तो अपने पते पर नहीं मिले, कहीं और शिफ्ट हो चुके हैं या फिर अब इस दुनिया में नहीं हैं. इस समीक्षा में करीब 4 लाख 79 हजार 944 मतदाताओं को हटाने की तैयारी है. इनमें 31 हजार से ज्यादा ऐसे लोग हैं, जिनकी मौत हो चुकी है.

गोविंदपुरा विधानसभा में सबसे ज्यादा वोटर्स जांच के दायरे में
गोविंदपुरा विधानसभा में सबसे अधिक 99 हजार 141 वोटर्स इस जांच के दायरे में आए हैं. यहां 61 हजार 382 मतदाता अन्य स्थानों पर शिफ्ट मिले हैं, जबकि 27 हजार 889 अपने पते से गायब और 6106 मृत पाए गए. नरेला विधानसभा में 5679 मृत मतदाताओं की पहचान हुई है. वहीं 50 हजार से ज्यादा लोग दूसरी जगह चले गए और हजारों ऐसे हैं जिनके नाम दो बार सूची में दर्ज मिले. हुजूर में भी शिफ्टिंग और गायब मतदाताओं की संख्या ज्यादा पाई गई है.

शहर में पूरा हुआ वोटर डेटा डिजिटलाइज का काम
पूरे भोपाल शहर में वोटर डेटा डिजिटलाइज किया जा चुका है. कुल 17 लाख 17 हजार 981 मतदाताओं की जानकारी कंप्यूटरीकृत रूप में दर्ज की गई. इस दौरान 2 लाख 23 हजार से अधिक मतदाताओं के रिकॉर्ड 2003 की सूची से मेल नहीं खाने पर उन्हें ‘नो मेपिंग’ की श्रेणी में रखा गया है. करीब 10.5 प्रतिशत वोटर्स के नाम इस श्रेणी में हैं और जिला प्रशासन को 50 दिनों में इनके रिकॉर्ड की पुष्टि करनी होगी, वरना इनके नाम सूची से हटा दिए जाएंगे.

अतिरिक्‍त अधिकारियों की होगी नियुक्ति
उप जिला निर्वाचन अधिकारी भुवन गुप्ता ने बताया कि प्रत्येक विधानसभा में अतिरिक्त अधिकारियों की नियुक्ति होगी ताकि हर मतदाता की सुनवाई की जा सके. 16 दिसंबर को नई मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी, जिसके बाद फाइनल प्रक्रिया शुरू होगी. नए मतदाता भी अपना नाम जुड़वा सकते हैं, जबकि जिनका डेटा सत्यापित नहीं होगा, उनका नाम हटाने की कार्रवाई की जाएगी.

4 नवंबर से शुरू हुई यह प्रक्रिया 9 दिसंबर तक चल रही है और सभी विधानसभाओं ने 100 प्रतिशत डिजिटाइजेशन का लक्ष्य पूरा कर लिया है. भोपाल की 7 विधानसभाओं में फिलहाल 21 लाख 25 हजार से ज्यादा पंजीकृत मतदाता हैं, लेकिन सत्यापन के बाद यह संख्या काफी घट सकती है.

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