Madhu Koda Supreme Court : झारखंड के चर्चित कोयला घोटाला केस में दोषी करार दिये गये पूर्व सीएम मधु कोड़ा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. शीर्ष आदालत ने शुक्रवार को मधु कोड़ा की तरफ से दोषसिद्धि पर रोक लगाने से जुड़ी याचिका को खारिज कर दिया है . सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के साथ ही ये तय हो गया है कि मधु कोड़ा अब झारखंड में होने जा रहे विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ सकेंगे.
Madhu Koda Supreme Court
जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली बेंच ने मधु कोड़ा की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट अफजल अंसारी बनाम उत्तर प्रदेश राज्य (2023) में लिये गये फैसले से सहमत हैं, लेकिन मधु कोड़ा का मामला अफजल अंसारी के मामले के जैसा नहीं है. कोर्ट ने कहा कि मधु कोड़ा को जब सजा हुई तब वो विधानसभा के सदस्य नहीं थे और ना ही उन्हें सदस्यता खोनी पड़ी थी. ऐसे में दोनों मामलों में स्थितियां अलग हैं.
तीन साल की सजा पर रोक लगाने की मांग लेकर पहुंचे थे सुप्रीम कोर्ट
दरअसल मधु कोड़ा निचली अदालत से मिली तीन साल की सजा की दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, क्योंकि सजा पर रोक लग जाने से उनके चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो जाता , लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मधु कोड़ा का उम्मीद पर पानी फिर गया है. इससे पहले मधु कोड़ा की याचिका दिल्ली हाई कोर्ट से भी खारिज हो चुकी है. हाईकोर्ट ने कोड़ा की याचिका ये कहते हुए ये कहते हुए खारिज कर दी थी कि कि याचिकाकर्ता केवल इस आधार पर फैसले पर रोक लगाना चाहते हैं कि वो चुनाव लड़ सके, जो उचित नहीं हैं.
मधु कोड़ा झारखंड के बड़े नेताओं में गिने जाते हैं. कोड़ा झारखंड में यूपीए गठबंधन के दौरान 2006 से 2008 तक राज्य के मुख्यमंत्री भी रहे. जब से मधु कोड़ा का नाम झारखंड के कोयला घोटाला मामले मे आया तब से विवादों का सिलसिला शुरु हो गया. कोड़ा भाजपा में भी रह चुके हैं. साल 2000 में पहली बार भाजपा के टिकट से जगन्नाथपुर से विधायक बने थे और बीजेपी की अगुवाई वाली बाबूलाल मरांडी की सरकार में मंत्री भी बनाये गये थे.