Thursday, November 7, 2024

Parliament Special Session: Rahul ने क्यों कहा घबराहट में हैं PM Modi, क्या Adani जांच से है इसका कनेक्शन?

दिल्ली : गुरुवार को अचानक 18 सितंबर को संसद का विशेष सत्र Parliament Special Session बुलाये जाने की खबर आई. संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने एक ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. संसद का ये विशेष सत्र Parliament Special Session 18 सितंबर से 22 सितंबर तक यानी 5 दिनों के लिए बुलाया गया है. विपक्ष के नेता जो इस खबर के आने पर मुंबई में जमा थे एकदम इसे सुन हैरान हो गए. कुछ नेताओं ने गणेश चतुर्थी से सिर्फ एक दिन पहले बुलाए गए इस सत्र को लेकर नाराज़गी जताई तो कुछ ने इसकी सूचना ट्वीट से मिलने पर हैरानी.

यह हिंदू विरोधी काम क्यों हो रहा है?- प्रियंका चतुर्वेदी

शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने तो सत्र बुलाए जाने को हिंदू विरोधी काम ही बता दिया. उन्होंने कहा, “जिस तरह से प्रह्लाद जोशी ने चोरी-चोरी, चुपके-चुपके यह निर्णय लेकर ट्वीट किया है- मेरा सवाल है कि देश का एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार गणेश चतुर्थी (उस समय मनाया जाएगा)…तो हम जानना चाहते हैं कि यह हिंदू विरोधी काम क्यों हो रहा है? यह फैसला किस आधार पर लिया गया है?…क्या यही उनकी ‘हिन्दुत्ववादी’ मानसिकता है?”

Parliament Special Session की वजह क्या है- दीपेंद्र एस.हुड्डा

वहीं कांग्रेस सांसद दीपेंद्र एस.हुड्डा ने सत्र के टाइमिंग पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा“पहले लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा सभापति के माध्यम से सदस्यों को सूचनाएं मिलती थीं, अब प्रह्लाद जोशी के ट्वीट से पता चलता है. अब जब मानसून सत्र समाप्त हो गया है तो सितंबर में इस सत्र की क्या वजह या तात्कालिकता है? सरकार बताए कि इस अर्जेंट सत्र की वजह क्या है.”

राहुल ने संसद के सत्र को अडानी मामले से क्यों जोड़ा?

लेकिन कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस सत्र को लेकर नया खुलासा किया. राहुल ने कहा कि, “मुझे लगता है कि शायद यह थोड़ी घबराहट का सूचक है. उसी तरह की घबराहट जैसी घबराहट तब हुई थी जब मैंने संसद भवन में भाषण दिया था, घबराहट की वजह से अचानक उन्हें मेरी संसद सदस्यता रद्द करनी पड़ी. इसलिए मुझे लगता है कि यह घबराहट की बात है क्योंकि ये मामले प्रधानमंत्री के बहुत करीब हैं. जब भी आप अडानी का मामला छेड़ते हैं तो प्रधानमंत्री बहुत असहज और घबरा जाते हैं.”

विदेशी अखबारों में छपी खबरों में अडानी घोटाले को पीएम से जोड़ा गया

पिछले 2 दिनों से अडानी भ्रष्टाचार का मामला फिर सुर्खियों में है. एक बार फिर कांग्रेस ने अडानी कंपनी के शेयर में किसका पैसा लगा है इस सवाल को लेकर सरकार को घेरने का काम किया है. पहले जयराम रमेश और फिर राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री साफ बतायें कि ये पैसा किसका है. राहुल ने तो गुरुवार को इस मामले में 2 नए नाम भी दिए. राहुल गांधी ने पीएम से सवाल पूछते हुए कहा कि, “पहला सवाल यह उठता है कि- ये किसका पैसा है? ये अडानी का पैसा है या किसी और का है? इसके पीछे के मास्टरमाइंड विनोद अडानी नामक एक सज्जन हैं जो गौतम अडानी के भाई हैं. पैसे की इस हेरा-फेरी में दो अन्य लोग भी शामिल हैं. एक सज्जन हैं जिनका नाम नासिर अली शाबान अहली है और दूसरे एक चीनी सज्जन हैं जिनका नाम चांग चुंग लिंग है. तो, दूसरा सवाल उठता है कि- इन दो विदेशी नागरिकों को उन कंपनियों में से एक के मूल्यांकन के साथ खेलने की अनुमति क्यों दी जा रही है जो लगभग सभी भारतीय बुनियादी ढांचे को नियंत्रित करती है.”

क्या अडानी भ्रष्टाचार का मामले को लेकर बुलाई गया है सत्र

अब सवाल ये उठता है कि सुबह कांग्रेस नेता जयराम रमेश विदेशी अखबारों में मोदी और अडानी के लिंक पर सवाल उठाते हैं और शाम को संसद का विशेष सत्र बुलाने की घोषणा हो जाती है. तो क्या इस सत्र में वित्त संस्थानों की जांच और जांच के दायरे को लेकर कोई कानून पेश किया जाने वाला है. क्या अडानी मामले में पीएम का नाम आने पर संसद के भीतर सफाई दे और जेपीसी बना इस मामले को फिलहाल के लिए रफा दफा करना चाहती है. या फिर वजह कुछ और है.

वक्त से पहले हो सकते हैं चुनाव

वैसे कुछ सूत्रों का कहना है कि इंडिया गठबंधन के बढ़ते कदम और आर्थिक मोर्चे पर बेरोज़गारी और महंगाई से परेशान जनता के बदलते मूड से मोदी सरकार संकट में है. इसके अलावा धारा 370 हटाए जाने के मामले और लद्दाख में चीनी घुसपैठ का मामला भी उसकी परेशानी बढ़ा रहा है. ऐसे में बीजेपी को लगता है कि 2024 उसके लिए आसान नहीं होने वाला है इसलिए वह लोकसभा चुनाव वक्त से पहले यानी मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और दूसरे राज्यों के साथ कराने की सोच रही है. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने हाल में इस बात के संकेत भी दिए थे. इसके साथ ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी ये बात कह चुके हैं.

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