CWC Meeting: शुक्रवार को दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति की एक अहम बैठक हुई. झारखंड और माहराष्ट्र चुनाव को बाद हुई इस बैठक में चुनावी हार की समीक्षा के साथ-साथ आने वाले समय में चुनाव की रणनीति में बदलाव पर जोर दिया गया. बैठक में अपने शुरुआती वक्तव्य से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने साफ कर दिया कि कांग्रेस को न अब केवल अपने काम करने का अंदाज बदलना होगा बल्कि लोगों से संवाद के तरीकों को भी बेहतर करना होगा.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़ने ने एक्स पर अपने शुरुआती वक्तव्य को 28 प्वांइट में पोस्ट किया है इसमें वायनाड से पहली बार चुनाव लड़ जीत हासिल करने के लिए प्रियंका गांधी को बधाई देने के साथ-साथ कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में किन मुद्दों पर जोर होगा सभी की एक झलक देखने को मिलती है.
CWC Meeting: कांग्रेस पार्टी की जीत में ही हम सबकी जीत है
लोकसभा चुनाव के बाद हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी के बुरे प्रदर्शन के लिए खड़गे ने एकता की कमी को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी की जीत में ही हम सबकी जीत है और हार में हम सबकी हार है. जब तक हम एक हो कर चुनाव नहीं लड़ेंगे, आपस में एक दूसरे के ख़िलाफ़ बयानबाजी का सिलसिला बंद नहीं करेंगे, तो अपने विरोधियों को राजनीतिक शिकस्त कैसे दे सकेंगे?”
चुनाव की तैयारी कम से कम 1 साल पहले शुरू कर देनी चाहिए
खड़गे ने कांग्रेस की चुनावी तैयारियों को लेकर होने वाली देरी को भी हार के लिए दोषी बताया. उन्होंने कहा, “हमें राज्यों में अपनी चुनाव की तैयारी कम से कम 1 साल पहले शुरू कर देनी चाहिए …चुनावों में माहौल हमारे पक्ष में था. लेकिन केवल माहौल पक्ष में होना भर जीत की गारंटी नहीं. हमें माहौल को नतीजों में बदलना सीखना होगा… हमें अपने संगठन को Booth Level तक मजबूत करना होगा. हमें मतदाता सूची बनाने से लेकर वोट की गिनती तक रात दिन सजग, सचेत और सावधान रहना होगा. “
लोकल मुद्दों की अहमियत को समझना होगा
खड़गे ने चुनावों में उठाए गए कांग्रेस के मुद्दों को सही बताते हुए कहा कि हमें उनके साथ लोकल मुद्दों को भी जोड़ना होगा. उन्होंने कहा, “हम चुनाव भले ही हारे हो, पर इसमें कोई शक नहीं कि बेरोज़गारी, महंगाई, आर्थिक असमानता, इस देश के ज्वलंत मुद्दे हैं. जाति जनगणना भी आज का एक अहम मसला है. संविधान, सामाजिक न्याय और सौहार्द जैसे मसलों जन-जन के मुद्दे है. पर इसका मतलब ये नहीं की हम चुनावी राज्यों में वहां के जरूरी local मुद्दों को भूल जाए. राज्यों के अलग-अलग मुद्दों को समय रहते बारीकी से समझना और उसके इर्द-गिर्द ठोस Campaign रणनीति बनाना भी जरूरी है. “
EVM ने चुनावी प्रक्रिया को संदिग्ध बना दिया है
कांग्रेस अध्यक्ष ने ईवीएम से लेकर चुनाव आयोग के काम करने के तरीके तक पर सवाल उठाए. उन्होंन कहा, “ मैं मानता हूँ कि EVM ने चुनावी प्रक्रिया को संदिग्ध बना दिया है. चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है इसलिए इसे लेकर जितना कम कहा जाए उतना अच्छा… बार-बार ये सवाल उठ रहे हैं कि किस हद तक ये दायित्व निभाया जा रहा है. सिर्फ़ 6 महीने पहले जिस तरह के नतीज़े लोक सभा में MVA के पक्ष में आए थे उसके बाद विधान सभा का नतीज़ा राजनीतिक पंडितों के भी समझ से परे है.“
चुनाव की रणनीति को बदलने पर दिया जोर
कांग्रेस अध्यक्ष ने चुनावी रणनीति को लेकर भी अपने विचार रखे. उन्होंने कहा,“हमें हर हालत में चुनाव लड़ने के तरीकों को बेहतर बनाना होगा. क्योंकि समय बदल गया है. चुनाव लड़ने के तरीके बदल गए है. हमे अपनी Micro-communication strategy को विरोधियों से बेहतर करना होगा. Propaganda और misinformation से लड़ने के तरीक़े भी ढूँढने होंगे…खामियों को दूर करना है. आत्मविश्वास के साथ कड़े निर्णय लेने होंगे.“
AICC से लेकर संगठन के स्तर तक बदलाव के दिए संकेत
कांग्रेस अध्यक्ष ने संगठन में बड़े बदलाव के संकेत देते हुए कहा,“हमें पराजय से हताश होने की जरूरत नहीं है. हमें नए संकल्प के साथ grassroots level से, ब्लाक, जिला से लेकर AICC तक बदलाव लाना होगा. हमें समय के साथ जरूरी परिवर्तन लाना ही होगा। हमने पहले भी चुनौतियों पर विजय पाई है. इसलिए हमें मौजूदा चुनौतियों से पार पाते हुए आगे बढना होगा.“