Sunday, November 9, 2025

धन-संपत्ति में वृद्धि देता है दूसरे भाव का चंद्रमा, जानिए सकारात्मक नकारात्मक असर और उपाय

- Advertisement -

ज्योतिष में चन्द्रमा का स्थान हमारे मन, भावनाओं और जीवन की मानसिक स्थिति पर गहरा असर डालता है. जब चन्द्रमा दूसरे भाव यानी द्वितीय भाव में होता है, तो इसका असर सीधे हमारे धन, परिवार, बोलने की आदत और खाने-पीने की इच्छाओं पर पड़ता है. द्वितीय भाव धन का घर माना जाता है और यह हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में स्थिरता और सुरक्षा का प्रतीक है. ऐसे में चन्द्रमा के इस स्थान से जुड़े गुण और दोष को समझना बहुत जरूरी है. सकारात्मक रूप में, यदि चन्द्रमा अच्छे दृष्टिकोण में हो, तो व्यक्ति भावुक होते हुए भी अपनी संपत्ति और परिवार के मामलों में संतुलन बनाए रख सकता है. उसे बोलने में मिठास और लोगों से जुड़ने की कला भी मिलती है. वहीं नकारात्मक स्थिति में, चन्द्रमा लालच, चिंता और मानसिक अस्थिरता को जन्म दे सकता है. यह आत्मविश्वास की कमी और पारिवारिक मामलों में विवाद का कारण भी बन सकता है.

इस आर्टिकल में हम जानेंगे भोपाल निवासी ज्योतिषी, वास्तु विशेषज्ञ एवं न्यूमेरोलॉजिस्ट हिमाचल सिंह से कि जब चन्द्रमा दूसरे भाव में हो तो यह व्यक्ति के जीवन में कैसे बदलाव लाता है, इसके सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव क्या हैं और किन उपायों से इन दोषों को कम किया जा सकता है. साथ ही सरल और प्रभावी उपाय बताए गए हैं जिन्हें अपनाकर जीवन में संतुलन और मानसिक शांति लाई जा सकती है.

चन्द्रमा दूसरे भाव के सकारात्मक प्रभाव
1. धन और संपत्ति में वृद्धि
दूसरे भाव में चन्द्रमा अगर अच्छे दशा और दृष्टि में हो, तो व्यक्ति की आमदनी और संपत्ति में वृद्धि होती है. वह अपनी कमाई को समझदारी से इस्तेमाल करता है और वित्तीय मामलों में स्थिरता बनाए रखता है.

2. मधुर वाणी और सामाजिक संपर्क
इस स्थिति में व्यक्ति की बोलने की शैली में मिठास आती है. लोग उससे जुड़ना पसंद करते हैं और सामाजिक संबंध मजबूत बनते हैं. यह व्यक्तित्व को आकर्षक बनाता है और पेशेवर जीवन में भी लाभ पहुंचाता है.
3. खाने-पीने में संतुलन और स्वादबोध
चन्द्रमा दूसरे भाव में होने से व्यक्ति खाने-पीने के मामले में विवेकशील बनता है. उसे स्वाद और पौष्टिकता का ध्यान रखने की आदत होती है, जिससे स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है

चन्द्रमा दूसरे भाव के नकारात्मक प्रभाव
1. धन की चिंता और मानसिक तनाव
यदि चन्द्रमा कमजोर या दोषपूर्ण हो, तो व्यक्ति धन को लेकर हमेशा चिंतित रहता है. वह आर्थिक असुरक्षा महसूस कर सकता है और अनावश्यक खर्चों में उलझ सकता है.
2. भावनात्मक अस्थिरता
दूसरे भाव में कमजोर चन्द्रमा व्यक्ति को अत्यधिक भावुक और संवेदनशील बना सकता है. छोटी-छोटी बातों पर जल्दी दुख या क्रोध हो सकता है, जिससे पारिवारिक और सामाजिक जीवन प्रभावित होता है.
3. अत्यधिक लालच और विवाद.
कुछ मामलों में यह स्थिति लालच और वाणी में कटुता पैदा कर सकती है. व्यक्ति परिवार और कारोबार में विवादों में फंस सकता है और गलत फैसले लेने की संभावना बढ़ जाती है.

उपाय और सुझाव
1. रूपये और सोने की सुरक्षा
दूसरे भाव में चन्द्रमा कमजोर हो तो अपने धन की देखभाल करें. अनावश्यक खर्च कम करें और निवेश सोच-समझकर करें.
2. पानी और दूध का दान
सप्ताह में किसी गरीब या जरूरतमंद को दूध, पानी या खाने का दान करने से चन्द्रमा की नकारात्मक ऊर्जा कम होती है और मानसिक शांति मिलती है.
3. सकारात्मक विचार और ध्यान
रोज़ाना 10–15 मिनट ध्यान या प्राणायाम करने से मानसिक संतुलन और भावनात्मक स्थिरता आती है. यह उपाय चित्त को शांत करने और चिंता को कम करने में मदद करता है.
4. चांदी का गहना या चांदी की थाली
घर में चांदी के बर्तन या गहने रखने से चन्द्रमा की सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है. विशेष रूप से पूजा में चांदी का इस्तेमाल लाभकारी माना गया है.

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news