Samastipur DDC : छोटे जिलों और गांव-कस्बों के बेहतर विकास के लिए पंचायती राज की व्यवस्था की गई लेकिन किसी को क्या पता था कि यही पंचायती राज व्यवस्था विकास के राह में बाधा बनकर खड़ा हो जाएगा. दरअसल ऐसा ही हो रहा है समस्तीपुर जिले में. यहां का जिला परिषद पिछले कई महीनों से विकास के काम को अंजाम नहीं दे पा रहा है. वजह है उप विकास आयुक्त संदीप शेखर प्रियदर्शी का मनमाना रवैया.
Samastipur DDC की राजनीति का शिकार हो रही हैं खुशबू कुमारी ?
जन प्रतिनिधि और सरकारी अधिकारी के बीच खींचतान का नतीजा ये है कि समस्तीपुर जिले में डेवलपमेंट और लोगों की सुविधाओं के सारे काम रुक गए हैं. जिला परिषद अध्यक्ष खुशबू कुमारी का आरोप है कि जब से उप विकास आयुक्त संदीप शेखर प्रियदर्शी समस्तीपुर में आए हैं तब से ही किसी ना किसी बहाने वो परिषद के काम में अड़ंगा लगा रहे हैं और विकास के कामों को होने नहीं दे रहे हैं. पिछले छह-सात महीनों में एक भी काम नहीं हुआ है. हाल ये है कि कई विकास के काम जो पूरे हो चुके हैं उसके बिल का भुगतान भी उप विकास आयुक्त ने रोक रखा है.
जिला परिषद पर सरकारी तंत्र हावी
जाहिर सी बात है अगर विकास का काम जिले में नहीं होगा तो बदनामी जिला परिषद अध्यक्ष की होगी और पिछले छह-सात महीने का रिकॉर्ड देखा जाए तो उप विकास आयुक्त शायद यही चाह भी रहे हैं. वैसे सरकारी अधिकारी और जन-प्रतिनिधि के बीच खींचतान का ये मामला बहुत बड़ा नहीं है.केवल तालमेल और आपसी समझ की कमी का मामला दिख रहा है लेकिन आरोप के मुताबिक अगर डीडीसी का पूरा ध्यान विकास के काम में ना होकर राजनीति के तहत महिला अध्यक्ष को कुर्सी से हटाने पर लगा हो तो फिर खामियाजा तो जनता को भुगतना ही होगा.
सीएम नीतीश की योजना की उड़ी धज्जियां
ध्यान देने की बात ये है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पंचायती राज में महिलाओं को आरक्षण दिया ताकी सत्ता में महिलाओं की भागीदारी बढ़ सके लेकिन इसके बावजूद अगर उनके ही सरकारी अधिकारी महिलाओं को हतोत्साहित करने में लग जाएं तो ये एक खतरनाक संकेत है जो आने वाले चुनाव में सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है.