Sunday, December 8, 2024

Dhirendra Shastri Vs Tej Pratap: बागेश्वर बाबा को तेजप्रताप की धमकी, कहा-समाज में नफरत फैलाने की कोशिश की तो खैर नहीं

बिहार में लालू यादव के दोनों बेटे अलग-अलग मोर्चे पर हिंदूवादी ताकतों से भिड़े हुए हैं. एक तरफ तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ देश भर में घूम-घूम के बीजेपी के खिलाफ मोर्चा बनाने में लगे हैं तो दूसरी तरफ उनके बड़े भाई डंडे लाठी के सहारे हिंदूवादी संगठनों के नए बच्चे बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ मोर्चा संभाल रहे हैं.

बिहार में धीरेंद्र शास्त्री करने वाले हैं हनुमंत कथा

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर बिहार की राजनीति गर्म है. बाबा पर मंत्री तेज प्रताप यादव, राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और जाप अध्यक्ष पप्पू यादव ने करारा हमला बोला. बाबा 13 से 17 मई तक पटना शहर में श्री हनुमंत कथा सुनाने वाले थे. अब उनके कार्यक्रम को शहर से बाहर यानी गांधी मैदान के बजाय नौबतपुर में शिफ्ट कर दिया गया है.
अभी बाबा के आने में काफी दिन है लेकिन बिहार की राजनीति में अभी से उबाल आ गया है. बिहार के मंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने कड़े शब्दों में चेतावनी बाबा को चेतावनी दी है. तेजप्रताप ने कहा कि अगर धीरेंद्र शास्त्री बिहार में एकता की बात करेंगे तो उनका स्वागत करेंगे लेकिन यहां आकर अगर वो हिंदू-मुस्लिम को बांटने की बात करेंगे तो फिर उनकी खैर नहीं. इसके जवाब में धीरेंद्र शास्त्री के समर्थक कृष्ण सिंह कल्लू सामने आ गए हैं.

धीरेंद्र शास्त्री के समर्थन में लगे पोस्टर लिखा रोक सको तो रोक लो

कृष्ण सिंह कल्लू ने पटना में पोस्टर लगाया है. पोस्टर में जहां धीरेंद्र शास्त्री का स्वागत किया गया है वहीं बाबा के दौरे का विरोध करने वाले को पाकिस्तान चले जाने की नसीहत भी दी गई है. पोस्टर में कहा गया है कि बाबा का विरोध करने वालों को इस्लाम कबूल कर लेना चाहिए. दरअसल कृष्ण सिंह कल्लू का इशारा आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और मंत्री तेजप्रताप यादव की तरफ है. कृष्ण सिंह कल्लू पहले लोक जनशक्ति पार्टी में थे लेकिन जब पार्टी दो फाड़ हुई तो ये नेतागिरी छोड़ सामाजिक कार्यकर्ता बन गए और अब ये धीरेंद्र शास्त्री के बहाने तेज प्रताप यादव को सीधे चैलेंज कर रहे हैं कि रोक सको तो रोक लो.

समाज में नफरत फैलाने की कोशिश की तो खैर नहीं-तेज प्रताप

आपको बता दें रविवार 30 अप्रैल को बिहार के मंत्री तेज प्रताप यादव ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर की. इस पोस्ट में तेजप्रताप यादव अपने समर्थकों को ट्रेनिंग देते नज़र आ रहे हैं. ट्विटर पर जारी तस्वीरों के साथ तेजप्रताप यादव ने लिखा है- “धर्म को टुकड़ों में बाटने वालों को करारा जवाब मिलेगा. तैयारी पूरी है…हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में है भाई-भाई….” हलांकि तेजप्रताप यादव ने तैयारी का जिक्र करते हुए जो तस्वीर जारी की है उसमें कुल 15 लोग नजर आ रहे हैं. खुद तेजप्रताप उन्हें लाइन में खड़ा कर ट्रेनिंग देते रहे हैं. इसके साथ ही मंत्री जी ने अपने संगठन धर्मनिरपेक्ष सेवक संघ की कुछ पुरानी तस्वीरें भी ट्विट कर दी है. इन पुरानी तस्वीरों में तेजप्रताप यादव के समर्थक हाथों में डंडा लिये बैठक करने के साथ-साथ सड़क पर मार्च कर रहे हैं.

धीरेंद्र शास्त्री हिंदू राष्ट्र बनाने की करते हैं बात

वैसे धीरेंद्र शास्त्री को भी विवादों में रहने की आदत है. महाराष्ट्र में धीरेंद्र शास्त्री को लेकर काफी बवाल हुआ था. जिसके बाद मुंबई पहुंचे धीरेंद्र शास्त्री को वहां की पुलिस ने चेतावनी दी थी कि वो प्रदेश के साधु-संतों के बारे में कुछ न बोलें और भड़काऊ भाषण देने से बचें. हलांकि मुंबई में तो शास्त्री ने पुलिस की बात मान ली लेकिन बाद में साईं बाबा की पूजा को लेकर दिए उनके बयान ने काफी सुर्खियां बटोरी थी.

हिंदूवादियों  के चहेते बन गए हैं धीरेंद्र शास्त्री

बीजेपी शासित राज्यों में तो बाबा को ज्यादा दिक्कत नहीं होती लेकिन जब वो विपक्षी पार्टियों के राज्यों में जाते हैं तो उनके कार्यक्रम को कानून व्यवस्था के लिए खतरे के तौर पर देखा जाता है. बाबा हिंदूराष्ट्र बनाने और मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ भाषण दे कर वैसे ही हिंदूवादी पार्टियों के पोस्टर ब्वॉय बन गए हैं. वैसे तेजप्रताप के विरोध से पहले ही धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ मुजफ्फरपुर में मामला दर्ज है. धीरेंद्र शास्त्री पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है और प्रवचनों के जरिए अंधविश्वास को बढ़ावा देने का काम किया है. अधिवक्ता सूरज कुमार ने धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ परिवाद दायर किया है. इस मामले पर 10 मई को सुनवाई होगी. यानी बाबा का 12 मई को पटना आने का कार्यक्रम खटाई में भी पड़ सकता है.

कानून के होते हुए लाठी डंडे दिखाना ठीक नहीं

वैसे धीरेंद्र शास्त्री का कार्यक्रम हो या न हो सवाल ये है कि सरकार का एक मंत्री कैसे किसी का विरोध करने के लिए लाठी डंडे के साथ तस्वीरें पोस्ट कर सकता है. लगता है तेजप्रताप उत्साह में भूल जाते हैं कि राज्य में उनकी ही सरकार है और वो खुद एक मंत्री हैं. तेजप्रताप यादव को याद रखना चाहिए कि राज्य में पुलिस भी है और पुलिस उनकी अपने सरकार के आदेशों का पालन भी करती है. ऐसे में जो मामला कानूनी ढंग से निपटा जा सकता है उसपर लाठी डंडे की बात करना बतौर मंत्री उनको शोभा नहीं देता ना ही देश का कानून उनको इस बात की इजाज़त देता है.

नफरती भाषण रोकने के लिए कानून है

पिछले कुछ समय में राजनीति में प्रतीकों का बड़ा महत्व हो गया है. एक तरफ धीरेंद्र शास्त्री जैसे साधु- बाबा हैं जो संविधान को ठेंगा दिखा कर हिंदू राष्ट्र जैसे मुद्दों पर भड़काऊ भाषण देने से बाज़ नहीं आते और दूसरी तरफ शिवसेना और तेजप्रताप जैसे लोग हैं जो उनके भाषणों का विरोध कर सुर्खियां बटोरने का काम करते हैं. हलांकि हाल में भड़काऊ भाषणों पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तो किसी को भी ऐसे बाबाओं का विरोध करने की ज़रूरत नहीं है. कोर्ट ने पुलिस को ऐसे भाषणों का स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करने को कहा है लेकिन अगर पुलिस ऐसा नहीं करती है तो कोई भी नागरिक एक शिकायत के ज़रिए ऐसे बाबाओं और पुलिस दोनों को परेशानी में डाल सकता है. क्योंकि ऐसे लोगों पर पुलिस अगर कार्रवाई नहीं करती है तो उसे अदालत की अवमानना माना जाएगा.

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