Chhattisgarh Chilli farming , रायपुर : बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के विकासखण्ड शंकरगढ़ के ग्राम लरंगी के प्रगतिशील किसान अमलू के पास 2 एकड़ खेत की जमीन है और इनका पारिवारिक पेशा खेती-बाड़ी है. किसान अमलू परम्परागत तरीके से खेती करते थे, पर विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं एवं उन्नत तकनीकी ज्ञान के अभाव में उत्पादन इतना कम होता था कि परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो जाता था. इसके अलावा भविष्य की पारिवारिक जिम्मेदारियां भी अंधकारमय दिखाई दे रहीं थी. अमलू का कहना है कि मिर्च की खेती करने से मेरे आय के स्त्रोत में बढ़ोत्तरी होने पर मेरी आर्थिक स्थिति में सुधार आ रही है. किसान अमलू के इस जुनून को देखते हुए आस-पास के कृषक भी उद्यानिकी फसल को अपनाने हेतु प्रेरित हो रहे हैं.
Chhattisgarh Chilli farming : प्रशिक्षण ने सिखाया कैसे करनी चाहिये खेती
किसान अमलू अपनी आय को बढ़ाने के लिए एक दिन विकासखण्ड के उद्यानिकी विभाग गया तथा अधिकारियों से संम्पर्क कर खेती की उन्नत तकनीक के बारे में चर्चा की. उन्हें बताया गया कि विकासखण्ड में संचालित राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजनांतर्गत प्रशिक्षण एवं भ्रमण कार्यक्रम आयोजन किया गया है. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेकर किसान अमलू ने सब्जी उत्पादन के साथ-साथ अंतरवर्ती फसल करने का निर्णय लिया. उन्होंने उद्यान विभाग से मिर्च बीज प्राप्त कर अपने 2 एकड़ खेत में मिर्च की खेती की, जिसके लिए 80 हजार रूपये खर्च करना पड़ा. साथ ही उद्यान विभाग द्वारा उन्हें मिर्च की खेती करने के लिए 20 हजार रुपये का अनुदान भी प्राप्त हुआ.
प्रशिक्षित किसान ने कर डाली मिर्च की बंपर खेती
किसान अमलू की मेहनत और उद्यानिकी विभाग की मदद से मिर्च की बम्पर फसल हुई है, जिससे किसान अमलू के चेहरे की मुस्कान और आय स्त्रोत में बढ़ोत्तरी हुई है. उन्होंने बताया कि खेती से लगभग 100 क्विंटल मिर्च प्राप्त हुये जिसका बाजार मूल्य 2 लाख 30 हजार रूपये है. खर्च काटकर अमलू को लगभग 1 लाख 50 हजार रूपये की बचत प्राप्त हुई.