BPSC Protest:रविवार रात पटना में छात्रों और राजनीतिक रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर के बीच तीखी नोकझोंक हुई. छात्रों ने किशोर पर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के दौरान अनुपस्थित रहने का आरोप लगाया.
रविवार को पुलिस ने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) परीक्षार्थियों के खिलाफ लाठीचार्ज किया और बाद में प्रदर्शनकारियों ने अपना गुस्सा किशोर पर निकाला. जिनके कहने छात्र पटना के गांधी मैदान पहुंचे थे.
BPSC Protest: छात्र क्यों थे प्रशांत किशोर से नाराज़
पटना के गर्दनीबाग में, छात्रों ने किशोर से वापस जाने की मांग की और आरोप लगाया कि जब पुलिस ने उन पर पानी की बौछारें और लाठियाँ बरसाईं, तब किशोर अनुपस्थित थे.
लाठीचार्ज के बाद जब किशोर छात्रों से मिलने पहुंचे तो उनका स्वागत “प्रशांत किशोर, वापस जाओ” के नारों से हुआ. इसके बाद उनकी छात्र नेताओं के साथ तीखी बहस हुई. सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में छात्र और किशोर बहस करते नजर आ रहे है. ये बहस तब और तीखी हो गई जब प्रशांत किशोर ने छात्रों से कहा, “हमसे कंबल मांगे हो और हमसे ही नेतागिरी कर रहे हो.”
उनके बयान से प्रदर्शनकारियों में गुस्सा भड़क गया, जो पहले से ही पुलिस लाठीचार्ज और किशोर की अनुपस्थिति से परेशान थे. उन्होंने पूछा, “लाठीचार्ज के दौरान प्रशांत किशोर कहाँ थे?”
PK EXPOSED 🚨
Prashant Kishor caught misbehaving & abusing with protesting students in Patna
Look at the arrogance of PK & his goons, utterly disgraceful❗
And this fraud is Godi Media’s fav 😂pic.twitter.com/7tMRZVSryq
— Ankit Mayank (@mr_mayank) December 30, 2024
रविवार को गांधी मैदान में हज़ारों अभ्यर्थियों ने 70वीं BPSC प्रारंभिक परीक्षा की दोबारा परीक्षा कराने और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाक़ात की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. परीक्षा के दिन यानी 13 दिसंबर को शुरू हुए इस विरोध प्रदर्शन को प्रमुख राजनेताओं, शिक्षाविदों और कार्यकर्ताओं का समर्थन मिला है.
प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी सफाई
लाठीचार्ज के दौरान अपनी अनुपस्थिति से नाराज बीपीएससी उम्मीदवारों द्वारा विरोध स्थल को लेकर प्रशांत किशोर ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया.
उन्होंने आरोपों का खंडन किया और घटनाओं का विस्तृत विवरण दिया, छात्रों के मुद्दे के लिए अपने निरंतर समर्थन की पुष्टि की. किशोर ने यह भी स्पष्ट किया कि छात्र आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे, जैसा कि ‘छात्र संसद’ के दौरान तय किया गया था.
किशोर ने बताया कि छात्रों को वहां से चले जाने की सलाह देने के बाद वे वहां से चले गए, जिसके 45 मिनट बाद लाठीचार्ज हुआ. उन्होंने पुलिस कार्रवाई की निंदा की और पटना पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने, मामले को अदालत में ले जाने और मानवाधिकार आयोग से संपर्क करने की योजना की घोषणा की. किशोर ने यह भी चेतावनी दी कि अगर प्रतिनिधिमंडल की बैठक में कोई समाधान नहीं निकला तो वे 2 जनवरी से शुरू होने वाले विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे. राजद नेता तेजस्वी यादव के आरोपों के जवाब में किशोर ने छात्रों को छोड़ने से इनकार किया और कहा कि उन्होंने छात्रों के सर्वोत्तम हित में काम किया है.
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