Banke Bihari Temple : मथुरा के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर के लिए कॉरिडोर बनाने को लेकर एक और अड़चन दूर हो गई है. 20 नवम्बर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कॉरिडोर बनाने के लिए यूपी सरकार की योजना को हरी झंडी दे दी है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंदिर के बैंक खाते में जमा धन का उपयोग ना करने की बात रही है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकार अपनी प्रस्तावित योजना के साथ आगे बढ़े लेकिन यह भी सुनिश्चित करे कि दर्शनार्थियों को दर्शन में कोई बाधा न आए.
#WATCH मथुरा, उत्तर प्रदेश: इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा वृन्दावन में बांके बिहारी कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी देने के फैसले पर भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने कहा, "…हमें खुशी है कि यह फैसला आया और अब कॉरिडोर बनेगा। जो श्रद्धालू यहां पहुंचेंगे वे सुविधापूर्ण तरीके से दर्शन कर… pic.twitter.com/PDij30fA5h
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 20, 2023
Mathura Banke Bihari Temple:ऐसा बनेगा गलियारा
हाईकोर्ट के आदेश के बाद बांके बिहारी मंदिर के गलियारे का ब्लू प्रिंट सामने आया है जो सरकार ने पहले से ही बन कर रखा है. कोरिडोर करीब साढे पांच एकड़ क्षेक्र मे बनेगा, जिसके बाद एक मंदिर में एक साथ दस हजार लोग दर्शन कर पायेंगे. मंदिर के पास ही करीब पांच एकड़ में पार्किंग और पब्लिक औऱ अन्य सार्वजनिक सुविधाएं भी बनाई जायेगी. सरकार ये गलियारा अपनं खर्चे पर बनायेगी. ब्लू प्रिंट के मुताबिक गलियारा इस तरह से बनाया जायेगा कि गलियारे से ही बांके बिहार के मंदिर के दर्शन हो सके , इसकी व्यवस्था की जायेगी.
पांच सौ करोड़ की लागत से बनेगा बांके बिहारी कोरिडोर
सरकार की प्रस्तावित योजन के मुताबित बांके बिहारी कोरिडोर दो हिस्सों में बनाया जायेगा. मंदिर परिसर के चारो और दो मंजिला इमारत बनाई जायेगी. इसे बनाने में करीब पांच सौ करोड़ का खर्चा आयेगा. कोरिडोर का निचला हिस्सा उपर के हिस्से से बड़ा होगा. नीचे का हिस्सा करीब 111 हजार 300 वर्बमाटर का होगी वहीं उपर का हिस्सा 10 हजार 600 वर्ग मीटर का होगा. . कोरिडोर को विद्यापीठ और परिक्रमा मार्ग से जोड़ाजायेगा, इसके लिए परिसर में बने 275 दुकानें और कई व्यवसायिक भवनों को अधिगृहित किया जायेगा.
Banke Bihari Temple सरकार को अपने खर्च पर बनाये कॉरिडोर
इलाहाबाद हाइकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सरकार को खुद अपने खर्चे पर ही कॉरिडोर का निर्माण कराना होगा.कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि अगर कोरिडोर बनाने के बीच में अतिक्रमण बाधा बनती है तो उसे हटाने की अनुमति है.
मथुरा के बांके बिहारी कोरिडोर भी वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में बने कॉरिडोर की तर्ज पर ही बनाया जाएगा . 8 नवंबर को सुनवाई पूरी होने के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. अब जनहित याचिका पर 31 जनवरी 2024 को मामले की अगली सुनवाई होगी.बांके बिहारी मंदिर में कॉरिडोर की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण कानून-व्यवस्था की समस्या हो रही थी, जिस वजह से चोरी, लूट और संपत्ति के नुकसान की लिए कई FIR दर्ज की गई .भारी भीड़ के कारण भक्तों की मौत के मामले भी सामने आए थे.
पुजारियों ने कॉरिडोर को बताया गैर जरूरी
चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच ने यह फैसला सुनाया है. बता दें कि मंदिर के पुजारियों ने कॉरिडोर निर्माण को गैर जरूरी बताया था और चढ़ावे और चंदे की रकम सरकार को देने से साफ इनकार किया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में सरकार की कॉरिडोर बनाए जाने की योजना को मंजूरी दे दी है, लेकिन मंदिर से जुड़े हुए लोगों की मांग को मानते हुए चढ़ावे और चंदे की रकम का इस्तेमाल किए जाने पर रोक लगा दी है. बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर को लेकर पुजारियों द्वारा विरोध किया जा रहा है, वहीं सरकार इस कॉरिडोर को श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए बनाना चाहती है.सरकार पार्किंग क्षेत्र जैसी सुविधाएं भी बनाएगी और इसका खर्च भी वहन करेगी.इस फैसले को लेकर कुंज गली के निवासियों नाराज़ है.उन्होंने कहा कॉरिडोर के निर्माण से कुंज गली का स्वरूप और महत्व नष्ट हो जाएगा.