Kangana Ranaut : हिमाचल के मंडी से भाजपा सांस कंगना रनौत को एक बार फिर से अपनी पार्टी से ही जोर का झटका लगा है. भाजपा ने कंगना रनौत के बयान से पल्ला झाड़ते हुए इसे उनका निजी बयान करार दिया है. भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने एक वीडियो बयान जारी करते हुए कहा है कि मैं बिल्कुल स्पष्टता से कहना चाहता हूं कि ये बयान (तीन कृषि कानून) कंगना रनौत जी का व्यक्तिगत बयान है और भारतीय जनता पार्टी की तरफ से कंगना रनोत जी ऐसा कोई बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं और ना ही उनका बयान तीन कृषि कानूनों को लेकर पार्टी की सोच को दर्शाता है.इसलिए उस बयान का (कंगना रनौत के बयान का) हम खंडन करते हैं. लोग अब सोशल मीडिया पर मजे ले रहे हैं.
कंगना दीदी ये सब क्या हो रहा है 😭 करो रे रीट्वीट इसको 😂 pic.twitter.com/kpalsjIRab
— Gurpreet Garry Walia (@garrywalia_) September 24, 2024
Kangana Ranaut किस बयान से बीजेपी ने झाड़ा पल्ला ?
दरअसल कंगन रनौत ने कहा था कि “किसानों से जुड़े तीन कानून वापस आने चाहिए. तीन किसान कानून सिर्फ राजनीति की भेंट चढ़ गए और अब किसानों की बेहतरी के लिए खुद किसानों को इनकी वापसी की डिमांड करनी चाहिए.” दिलचस्प बात ये रही की अपने बयान के दौरान खुद कंगना ने कहा कि ये बयान कंट्रोवर्शियल यानी विवादित हो सकता है. यानी ये बयान गलती से नहीं सोची समझी रणनीति के तहत दिया गया था.
ModiGovt should immediately act on Kangna’s brilliant idea, if possible before Haryana polling.pic.twitter.com/4mjEog4Fim
— SK Jain (@skjain_05) September 24, 2024
हरियाणा चुनाव में कांग्रेस ने बयान को बनाया हथियार
हरियाणा में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के बीच कंगना के इस बयान ने कांग्रेस को हमला करने का एक जोरदार मौका दे दिया. कांग्रेस पार्टी ने अपने सोशल मीडिया हैंडिल पर लिखा – “ किसानों पर लादे गए 3 काले कानून वापस लाने चाहिए. BJP की सांसद कंगना रनौत ने ये बात कही. देश के 750 से ज्यादा किसान शहीद हुए, तब जाकर मोदी सरकार की नींद टूटी और ये काले कानून वापस हुए. अब BJP के सांसद फिर से इन कानून की वापसी का प्लान बना रहे हैं. कांग्रेस किसानों के साथ है. इन काले कानून की वापसी अब कभी नहीं होगी, चाहे नरेंद्र मोदी और उनके सांसद जितना जोर लगा लें.”
बीजेपी ने बयान देकर मामले को संभाला
मामले को बिगड़ता देख भाजपा ने एक बार फिर से कंगन रनौत के बयान से अपने आप को अलग कर लिया हैं.ये पहला मौका नहीं है. इससे पहले भी किसानों के लेकर दिये बयान पर भाजपा से कंगना को लताड़ पड़ चुकी है.पार्टी ने आधिकारिक रुप से बयान जारी कर कंगना को पार्टी से संबधित मुद्दों पर ना बोलने का ताकीद की थी.
पिछले महीने ही कंगना ने बंगलादेश के संदर्भ में दिया था विवादित बयान
बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बीच कंगना ने किसान आंदोलन को लेकर कहा था कि तीन विवादास्पद कृषि विधेयकों को वापस ले लिया गया, नहीं तो ‘इन उपद्रवियों’ की बहुत लंबी योजना थी और वे देश में कुछ भी कर सकते थे.
रनौत ने ये भी कहा था कि अगर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता, तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को भी बांग्लादेश बना दिया जाता.
कंगना रनौत ने किसान आंदोलन को लेकर टिप्पणी करते हुए ये भी दावा किया कि किसान आंदोलन के दौरान कई हत्याएं हुईं और बलात्कार हुए थे.
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फिल्म रीलीज न होने का गुस्सा उतार रही है कंगना ?
कंगना रनौत के ताजा बयान को लोग उनकी फिल्म इंमरजेंसी से जोड़ कर देख रहे हैं. लोगों का मानना है कि कंगना अपनी फिल्म इमरजेंसी की रीलीज रोके जाने से नाराज है और इसीलिए इस तरह के बयान जानबूझ कर दे रही है.