Chirag Paswan: एनडीए के कुनबे में शामिल हुए Chirag Paswan इन दिनों बिहार की राजनीति की सुर्खियों में हैं. जबसे चिराग ने जातीय जणगणना को लेकर एनडीए से अलग अपनी राय रखी है, तभी से उनके सितारे गर्दिश मं जाते दिखाई देने लगे हैं. अगर चिराग पासवान के खिलाफ विरोधी कुछ बोलों के तो फिर भी माना जा सकता है कि राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के कारण ऐसा बोला जा रहा है लेकिन जब अपने ही कुनबे से आरोपों का सिलसिला शुरु हो जाये तो चिंता की बात है. ऐसा ही चिराग पासवान के साथ होता दिखाई दे रहा है.
Chirag Paswan पर लग रहे है बड़े- बड़े आरोप
चिराग पासवान ने लोकसभा चुनाव में पांच में से पांच सीटें जीत कर झंडा गाड़ दिया था और बीजेपी ने भी हाथों हाथ उठा कर उन्हें केंद्र की सरकार में मंत्री के तौर पर शामिल भी कर लिया लेकिन हाल ही में जब से चिराग पासवान ने लोकसभा में राहुल गांधी के जातीय जनगणना के सवाल का समर्थन किया,तब से उनके राजनीतिक जीवन की उल्टी गिनती शुरु हो गई है. खबर है कि एलजेपी के तीन सांसद बीजेपी के संपर्क में हैं. वो किसी भी समय बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.
चिराग पासवान के बीटेक डिग्री पर उठे सवाल
चिराग पासवान पर गलत जानकारी देने के मामले में लोगसभा की सदस्यता जाने का खतरा भी मंडराने लगा है, दरअसल राकेश मिश्रा नाम के एक व्यक्ति (जो खुद को बीजेपी का नेता बताते हैं) ने आरोप लगाया है कि चिराग पासवान ने बीटेक नहीं किया है. चुनाव आयोग में गलत हलफनामा दिया है. राकेश सिंह ने इस संबंध में चुनाव आयोग में शिकायत भी की है.
राकेश सिंह ने अपनी शिकायत में कहा है कि चिराग पासवान जिस बुंदेलखंड विश्वविद्यालय (BU) से कंप्यूटर इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (2005) में बीटेक करन का दावा किया है वो वो गलत है. चिकृराग पासवान की पढाई के बारे में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने अपनी रिपोर्ट में कह हा कि चिराग पासवान कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के केवल 3 सेमेस्टर में पास हुए थे.
बीयू के प्रोफेसर डॉ. बृजेंद्र शुक्ला का कहना है कि चिराग पासवान ने कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया था, साल 2005 में पहले सेमेस्टर की परीक्षा भी दी थी, लेकिन फिर कुछ निजी कारणों से वो चल गये और बाद में कोई परीक्षा नहीं दी.
चुनाव केआयोग आहलफनामे में चिराग ने बीटेक (सेकेंड सेमेस्टर) लिखा है
दरअसल चिराग की शैक्षनिक योग्यता को लेकर सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि चिराग पासवान ने लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग को दिए अपने हलफनामे में खुद की कंप्यूटर साइंस से बीटेक (सेकेंड सेमेस्टर) की जानकारी दी है. चिराग पासवान के हलफनामे में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय (BU) के इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से साल 2005 में कंप्यूटर साइंस में बीटेक (सेकेंड सेमेस्टर) झांसी लिखा गया है.
‘रे’प के मामले में आरोपी नंबर टू होने की जानकारी नहीं दी’
राकेश सिंह ने अपनी शिकायत में चिराग पासवान पर कुछ और जानकारियां छुपाने के आरोप लगायेे है. चिराग पासवान रे’प के मामले में दूसरे नंबर के आरोपी है लेकिन उन्होंने हलफनामें कोई भी केस दर्ज नहीं है की जानकारी दी है.इसके अलावा बिहार के खगड़िया के शहरबन्नी में बने पैतृक घर के बारे में भी जानकारी छुपाने की बात कही है.
बीजेपी ने राकेश सिंह से किया किनारा
दरअसल उपरोक्त सारे आरोप राकेश सिंह ने बतौर बीजेपी नेता लगाया था लेकिन शनिवार को बिहार बीजेपी ने बाकायदा प्रेस कांफ्रेस करके कहा कि राकेश सिंह के बीजेपी से कोई लेना देना नहीं है. वो बीजेपी के नेता नहीं.
बाहरहाल राकेश सिंह बीजेपी के नेता हो या ना हो, उन्होंने जो आरोप लगाये हैं वो बड़े और महत्वपूर्ण है. इस बीजेपी के द्व्रारा चिराग पासवा नपर दवाब बनाने की रणनीति के तौर पर भी देखा जा सकता है.
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