Begusarai Police : बेगूसराय में एक छात्रा के साथ दुष्कर्म के आरोपी शिक्षक के घर पुलिस अलग अंदाज में पहुंची. पुलिस लगातार आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही है लेकिन वो फरार बताया जा रहा है. ऐसे में सोमवार को बेगूसराय पुलिस आरोपी के ढूंढने के लिए बैंड बाजा लेकर उसके घर पहुंची और घर के बार पोस्टर चिपका कर आरोपी को सरेंडर करने के लिए कहा.
Begusarai Police की पकड़ से बाहर है दुष्कर्म का आरोपी शिक्षक
मामला जिले के वीरपुर थाना क्षेत्र के भवानंदपुर गांव का है, जहां छात्रा के साथ दुष्कर्म और यौन शोषण के मामले मे एक शिक्षक दुष्कर्म का आरोपी है और लंबे समय से फरार है. आरोपी के पिता भी शिक्षक हैं. पुलिस ने आरोपी मोहम्मद कैसर को ढूंढने के लिए उनके पिता मो. अकमल के घर पर इश्तेहार चिपकाया और एक बार फिर से सरेंडर करने की ताकीद की. बेगूसराय पुलिस आज सुबह सुबह बैंड बाजा के साथ भवानंदपुर गांव पहुंची और पूछताछ किया . इस दौरान ग्रामीणों की भारी भीड़ मौके पर जमा हो गई, फिर पुलिस ने पिता के मकान पर इश्तेहार लगाकर आरोपी कैसर को सरेंडर करने के लिए कहा.
कुर्की-जब्ती का नोटिस लगाने आरोपी के घर पहुंची थी पुलिस
दरसअल पुलिस ने ये इश्तेहार आरोपी के द्वारा सरेंडर ना करने की स्थिति में घर के कुर्की-जब्ती के लिए लगाया है. नोटिस में लिखा गया है कि एक सप्ताह के अंदर आरोप कैसर आत्समर्पण करें ,नहीं तो उसके घर की कुर्की जब्ती कर ली जायेगी.
क्या दुष्कर्म का पूरा मामला
दरअसल ये मामले 2007 का है जब एक किशोरी ने अपने साथ हुए जबरन दुष्कर्म और यौन शोषण को लेकर मामला दर्ज कराया था. किशोरी ने ये मामला वीरपुर थाना में आरोपी के मोम्मद कैसर , पिता मो.अकमल के विरुद्ध कराया था. वर्तमान समय में पीड़िता 14 साल की एक बेटी की मां हैं.दरसअल मामले का खुलासा तब हुआ था जब पीडिता गर्भवती हो गई थी. पीडिता के मां बन जाने के बाद आरोपी मो.कैसर ने दूसरी लड़की से शादी कर ली. इस मामले में कैसर के मुकर जाने के बाद डीएनए टेस्ट कराया गया था जिसमें मो. कैसर के पीडिता के बच्चे का पिता होने की पुष्टि हुई थी.
मो. कैसर पर आर भी हैं संगीन आरोप
आरोपी कैसर आरोप लगने से पहले प्राथमिक विद्यालय भवानंदपुर के पुनर्वास विद्यालय में एक पंचायत शिक्षक के रूप में कार्यरत था. किशोरी के द्वारा आरोप लगाये जाने के बाद वो कई महीनों तक स्कूल से फरार रहा. फिर फरारी और नकली प्रमाण पत्र के आरोप में जुलाई 2019 में उसे स्कूल से बर्खास्त कर दिया गया. वहीं पीड़िता अपनी बेटी के साथ पिछले कई सालों से मायके में रह रही है. 2007 में दर्ज किये गये मामले का निबटारा 2024 तक नहीं हुआ है. पिछले 17 साल से पीडिता न्याय का इंतजार कर रही है.