Arvind Kejriwal HighCourt : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट (DELHI HIGHCOURT) में अपना जवाब दाखिल किया जिसमें कहा कि मैं प्रवर्तन निदेशायलय (ED) की विच हंटिंग ( विकृत मानसिकाता वाली खोज ) का शिकार हुआ हूं. केजरीवाल ने कहा कि आबकारी नीति से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में निचली अदालत के जमानत देने के फैसले को रद्द करना “न्याय की गंभीर विफलता” के समान है. सीएम केजरीवाल ने ईडी की चुनौती देनेवाली याचिका का विरेध करते हुए कहा कि ईडी ने काल्पनिक सबूतों के जरिये जमानत का विरोध किया.
Arvind Kejriwal HighCourt :नहीं हुई कोई खास पूछताछ
दिल्ली हाइकोर्ट में अपना जवाब दाखिल करते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा कि -ईडी ने अपनी कस्टडी के दौरान कोई खास पूछताछ (इनटेरोगेशन) नहीं की है. मेरी गिरफ्तारी एक राजनीतिक विरोधी को परेशान और अपमानित करने के लिए की गई गिरफ्तारी है. ये राजनीतिक है. इस मामले में अब जस्टिस नीना बंसल की बैंच ने ईडी को अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. .अब केस की अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी.
दिल्ली सीएम पर ईडी का साथ साथ सीबीआई का भी केस
दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल पर ईडी के साथ साथ अब सीबीआई का बी केस चल रहा है. सीबीआई ने इडी की कस्टडी मे रहते हुए दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट से अरविंद केजरीवाल 26 जून को गिरफ्तार किया था.
अऱविंद केजरीवाल ने अपनी दलील मे क्या क्या कहा ?
केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट को अपनी जमानत रद्द करने के मामले मे कहा कि ED ने उनकी गिरफ्तारी रद्द करना के लिए जो दलीलें दी वो कानून के हिसाब से ठीक नहीं थीं. ED की दलीलें उनकी असंवेदनशीलता को दर्शाती हैं. PMLA की धारा 3 यानी मनी लांड्रिंग के मामले में मेरे खिलाफ कोई केस नहीं बनता है. मेरे जीवन को झूठे और दुर्भावनापूर्ण से भरे मामले में फंसाया गया है , मुझे इस मामले से बचाया जाना चाहिए.
ट्रायल कोर्ट (राउज एवेन्यू कोर्ट) का फैसला तर्कपूर्ण था …
अरविंद केजरीवाल ने अपने जवाब में लिखा है कि ईडी ने आरोपियों पर दवाब बनाकर ऐसे बयान दिलवाये जिससे ईडी को फायदा हो सके. वहीं ट्रायल कोर्ट का फैसला ना केवल तर्कपूर्ण था बल्कि दोनों पक्षों की दलीलों के आधार पर विवेक से लिया गया फैसला था. ईडी के पास ऐसा कोई सबूत नहीं है कि जो ये साबित कर सके कि आम आदमी पार्टी को साउथ ग्रुप से रिश्वत मिली है. उस रिश्वत का गोवा चुनाव में इस्तेमाल तो बहुत दूर की बात है. आम आदमी पार्टी पास एक रुपया भी नहीं मिला है. ईडी के पास इन आरोपों को सिद्ध करने के लिए कोई भी ठोस सबूत नहीं है.
ट्रायल कोर्ट के फैसले पर हाईकोर्ट की टिप्पणी पर केजरीवाल की दलील
दिल्ली सीएम ने हाई कोर्ट को अपनी ही टिप्पणी याद दिलाते हिए कहा कि उनकी जमानत पर रोक लगाते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि “निचली आदालत ने विवेक का इस्तेमाल नहीं किया. दलीलों पर सही ढंग से बहस नहीं हुई थी, इसलिए निचली अदालत (राउज एवेन्यू कोर्ट) के फैसले को रद्द करते हैं. हाईकोर्ट ने अपने फैसले मे कहा का कि ऐसा लगता है कि केजरीवाल को जमानत देते समय अदालत ने अपने विवेक का इस्तेमाल नहीं किया. इसलिए ट्रायल कोर्ट की टिप्पणिय़ों पर विचार नहीं किया जा सकता है. हाई कोर्ट ने अपने फैसले मे कहा था कि निचली अदालत में जज ने PMLA की धारा 45 की दोहरी शर्त पर विचार नहीं किया. हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि ट्रायल कोर्ट को ऐसे कोई जजमेंट नहीं देना चाहिए जो उच्च न्यायलय के फैसले के उलट हो.