शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 परीक्षा के आयोजन को चुनौती देने वाली सात याचिकाओं को बाकी लंबित याचिकाओं के साथ 8 जुलाई को सुनवाई के तारीख दे दी. कोर्ट ने इनमें से एक याचिका जिसमें पेपर लीक की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई थी उसपर केंद्र और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को नोटिस जारी किए.
NEET-UG 2024 पेपर लीक से जुड़ी सभी याचिकाओं पर 8 जुलाई को होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की उस याचिका पर निजी पक्षों को भी नोटिस जारी किया है जिसमें विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों को सर्वोच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने की मांग की गई है ताकि मुकदमेबाजी की अधिकता से बचा जा सके. कोर्ट ने इस मामले पर भी 8 जुलाई को सुनवाई करने का निर्देश दिया है.
एनटीए ने अनुग्रह अंक देने से जुड़ी 3 याचिकाएं वापस ली
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की अवकाश पीठ ने एनटीए के वकील की इस दलील पर गौर किया कि प्रश्नपत्र लीक होने और अन्य गड़बड़ियों के आरोपों के आधार पर राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक, 2024 को रद्द करने की मांग वाली कई याचिकाएं कई उच्च न्यायालयों में लंबित हैं। पीठ ने कहा, “नोटिस जारी करें”, उन्होंने कहा कि इन पर 8 जुलाई को सुनवाई होगी। इस बीच, एनटीए ने कहा कि वह तीन अन्य याचिकाओं को वापस लेना चाहता है, जो उच्च न्यायालयों से मामलों को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने की मांग कर रही थीं, क्योंकि वे 5 मई को परीक्षा के दौरान समय की हानि के कारण 1,563 उम्मीदवारों को अनुग्रह अंक देने से संबंधित थीं.
एनटीए के वकील ने कहा कि मामला सुलझ गया है और वह 1,536 उम्मीदवारों को दिए गए अतिरिक्त अंक रद्द करने के फैसले और शीर्ष अदालत के 13 जून के आदेश के बारे में उच्च न्यायालय को सूचित करेंगे।
नीट-यूजी परीक्षा को लेकर चल रहे विवाद के बीच, केंद्र और एनटीए ने गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि उन्होंने एमबीबीएस और ऐसे अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए परीक्षा देने वाले 1,563 उम्मीदवारों को दिए गए अतिरिक्त अंक रद्द कर दिए हैं.
केंद्र ने कहा कि उनके पास या तो दोबारा परीक्षा देने या समय की हानि के लिए दिए गए अतिरिक्त अंक छोड़ने का विकल्प होगा.
कब और क्यों शुरु हुआ NEET-UG 2024 परीक्षा से जुड़ा विवाद
तो आपको बता दें, NEET-UG 2024 परीक्षा 5 मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और इसमें लगभग 24 लाख उम्मीदवारों ने भाग लिया था. परिणाम 14 जून को घोषित होने की उम्मीद थी, लेकिन उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन पहले पूरा हो जाने के कारण 4 जून को घोषित किए गए.
आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए और सात उच्च न्यायालयों तथा सर्वोच्च न्यायालय में मामले दर्ज किए गए. कथित अनियमितताओं की जांच की मांग को लेकर 10 जून को दिल्ली में बड़ी संख्या में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया.
67 छात्रों ने 720 अंक प्राप्त किए, जो एनटीए के इतिहास में अभूतपूर्व है. हरियाणा के फरीदाबाद के एक केंद्र से छह छात्रों के नाम सूची में शामिल होने से अनियमितताओं का संदेह पैदा हो गया है. आरोप लगाया गया है कि ग्रेस मार्क्स के कारण 67 छात्रों ने को शीर्ष रैंक मिली.
ये भी पढ़ें-BJP Vs RSS: इंद्रेश कुमार को राम मंदिर के पुजारी सत्येंद्र दास का जवाब, बोले- बीजेपी पर न थोपे अपनी विफलता