Ajmer Dargah: राजस्थान के अजमेर में सूफी संत मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के सर्वेक्षण का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. अजमेर की एक अदालत ने एक याचिका के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और केंद्र को नोटिस जारी किया है. इस याचिका में दावा किया गया है कि अजमेर में सूफी संत मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में एक शिव मंदिर है. सितंबर में दायर की गई याचिका में अदालत से उस स्थान पर फिर से पूजा करने की अनुमति मांगी गई है. याचिकाकर्ता के वकील योगेश सिरोजा ने कहा कि सिविल जज मनमोहन चंदेल ने अजमेर दरगाह समिति, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय और नई दिल्ली में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) कार्यालय को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है.
Ajmer Dargah मामले में बोले गिरिराज सिंह-नेहरू जी की गलती है
अजमेर दरगाह मामले राजनीतिक बयान बाजी भी शुरु हो गई है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, “अजमेर मामले में कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया है हमारा काम है कि अगर किसी हिंदू ने याचिका दायर की है और उस पर कोर्ट ने सर्वे के लिए आदेश दिया है तो इसमें दिक्कत क्या है? ये सत्य है कि जब मुगल आए थे तो उन्होंने हमारे मंदिरों को तोड़ा था…कांग्रेस की सरकार आज तक केवल तुष्टिकरण करती रही है और तुष्टिकरण के कारण ही, अगर ये 1947 में आक्रांतों द्वारा मंदिरों पर मस्जिद बनाने का जो उनका मुहिम चला था उसको नेहरु जी द्वारा समाप्त कर दिया गया होता तो हमें कोर्ट में अर्जी देने की जरूरत नहीं पड़ती इसलिए अर्जी दी गई है….”
पीएम मोदी भी वहां चादर भेजते हैं- असदुद्दीन ओवैसी
वहीं, अजमेर दरगाह केस मामले पर AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ” दरगाह पिछले 800 सालों से यहीं है…नेहरू से लेकर सभी प्रधानमंत्री दरगाह पर चादर भेजते रहे हैं..बीजेपी-आरएसएस ने मस्जिदों और दरगाहों को लेकर इतनी नफरत क्यों फैलाई है? पीएम मोदी भी वहां चादर भेजते हैं…निचली अदालतें प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट पर सुनवाई क्यों नहीं कर रही हैं?…इस तरह कानून का शासन और लोकतंत्र कहां जाएगा? यह देश के हित में नहीं है. पीएम मोदी और आरएसएस का शासन देश में कानून के शासन को कमजोर कर रहा है. ये सब बीजेपी-आरएसएस के निर्देश पर किया जा रहा है…”
इस तरह के छोटे-छोटे जज बैठे हैं जो इस देश में आग लगवाना चाहते हैं- राम गोपाल यादव
अजमेर शरीफ मुद्दे पर सपा नेता राम गोपाल यादव ने कहा, “इस तरह के छोटे-छोटे जज बैठे हैं जो इस देश में आग लगवाना चाहते हैं. कोई मतलब नहीं है इसका. अजमेर शरीफ पर हमारे प्रधानमंत्री स्वयं चादर भिजवाते हैं. देश दुनिया से लोग वहां आते हैं. उसको विवादों में डालना बहुत ही घृणित और ओछी मानसिकता का प्रतीक है. सत्ता में बने रहने के लिए भाजपा समर्थित लोग कुछ भी कर सकते हैं, देश में आग लग जाए इससे इन्हें कोई मतलब नहीं है.”