Wednesday, December 10, 2025

राष्ट्र धर्म सर्वोपरि: कोदंड गर्जना की पाँचवीं वर्षगांठ पर धर्म संसद का आयोजन

इंदौर। भारत सदाचार का देश है, जिसमें सत्य, अहिंसा, परोपकार, करुणा, विद्या, क्षमा, दया , ज्ञान,आदि  गुण समाहित है। देश में बीते 11 वर्षो में जो धर्म का  पुनर जागरण हुआ वह अद्भुत और अकल्पनीय है। हमारे मानबिंदुओं को सजाया, संवारा गया। दीपोत्सव के रिकार्ड तोड़ कार्यक्रम हुए। देवालयो में धर्म ध्वजा लहराने की संख्या बढ़ी। धर्म स्थलों पर दर्शनार्थियो की संख्या में तेजी से बढ़ोत्री हुई। ये सारे संकेत बताते है कि भारत हिंदू राष्ट बनने की ओर तेजी से अग्रसर है और अब कोई भी ताकत रोक नही सकती है। हिंदू राष्ट्र बनने के साथ वह विश्व गुरु भी बनकर रहेगा। हालांकि संवेधानिक दृष्टि से भारत एक ऐसा धर्म निरपेक्ष देश है ,जहा सभी धर्मो और संप्रदाय को समान दृष्टि से देखा जाता है। ये विचार विभिन्न संत –  महंत, महामंडलेश्वर, विद्वतजन, ज्योतिषियों और मीडियाकर्मियों के है, जो उन्होंने उज्जैन में आयोजित धर्म संसद में व्यक्त किये। विषय था हिंदू राष्ट की परिकल्पना एवं चुनौती इस मौके पर 11 हिंदू योध्दाओ का शाल, श्रीफल, रुद्राक्ष की माला और प्रमाण पत्र एवं महाकाल मंदिर की प्रतिकृति प्रदान कऱ सम्मान किया गया। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी शैलेशानंदजी ने कहा कि उच्चतम सभ्यता का नाम हिंदुतव है। यह केवल धर्म या उपासना तक सीमित नही होकर जीवन पद्धति है। यह ऐसा जीवन दर्शन है जिसमे विश्व बंधुत्व की भावना है।जाति, वर्ग और वर्ण व्यवस्था से उपर है  हिंदुतव्। हिंदुतव् की उत्पति किसी व्यक्ति विशेष न कर देवी देवताओ ने की, जबकि रिलीजन एक अंगेजी शब्द है, जो बहुत बाद में  आया है। महंत विशाल दास महाराज ने कहा कि कोई भी राष्ट बिना धर्म के बड़ा नहीं हो सकता है। भारत का धर्म हिंदुत्व है, जो पूरी दुनिया का आज मार्गदर्शन कर रहा है। सनातन धर्म आदिकाल  से है जो आज भी है और कल भी रहेगा। योगी महंत महावीर नाथ जी भरथरी गुफा महाराज ने कहा कि भारत हिंदू राष्ट है और आगे भी रहेगा, इसमें किसी को संशय नहीं होना  चाहिए। ईश्वर एक है और जाति व्यवस्था  मनुष्यों ने बनाई। पं. दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि धर्म का अर्थ है कि उसका आचरण करते हैं दूसरो का भला करना। मानस में भी कहा  गया परहित धर्म सरस नहीं भाई। हम अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दे और उन्हें मोबाइल से दूर रखे। विश्व  ब्राह्मण संघ के अध्यक्ष पं. योगेंद्र महंत ने  कहा कि आज हमे संयुक्त परिवारों की और अधिक ध्यान देने की जरूरत है। इससे सामाजिक सम  रसता बढ़ेगी। भारत के हिंदू राष्ट बनने में आने वाली  बाधाये एक दिन स्वत दूर हो जायेगी। उज्जैन प्रेस क्लब के अध्यक्ष नंदलाल यादव ने कहा कि आज मूल्य आधारित पत्रकारिता को बढ़ावा देना जरूरी है। स्टेट प्रेस क्लब, म.प्र. अध्यक्ष प्रवीण खारीवाल ने कहा कि समय के साथ पत्रकारिता भी बदली है। अब केवल अखबार तक सीमित नही है पत्रकारिता। टीवी न्यूज़ चैनल, सोशल मीडिया, वेब आदि को भी गंभीरता से लेकर उसके मुताबिक़ ढलना होगा।

ज्योतिषाचार्य पं. अरविंद तिवारी ने कहा कि भारत का पुनरजागरण हो चुका है। 2029 में संविधान में बड़ा बदलाव होगा, उसके बाद एकरूपता आयेगी। वर्ष 2050 के बाद भारत विश्व गुरु बनेगा। अभिभाषक डॉ. पंकज वाधवानी ने कहा कि  सनातन धर्म सह अस्तितव् और स्वबंधुत्व की बात करता है। जैन, यहूदी और सिख धर्म से भी कई गुणा पुराना है हिंदू धर्म। यदि भारत को हिंदू राष्ट बनाना है तो हमें संविधान को बदलना होगा। पूर्व विधायक जीतू जिराती ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद भारत में  अभुतपूर्व बदलाव आया है। साधु -संतो का मान – सम्मान बढ़ा।धार्मिक स्थलों पर भक्तो की संख्या कई गुणा बढ़ गई है। अखिल भारतीय बलाई समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष  मनोज परमार ने कहा कि गिरी, कंदराओ और जंगलो में रहने वाला आदिवासी समाज हमारे बंधु है  उन्हे साथ रखना जरूरी है, अन्यथा  उनका धर्मांतरण हो जायेगा। इसको रोकना जरूरी है। ज्योतिषाचार्य पं. अजय व्यास ने कहा कि भारत को वर्षो बाद नरेंद्र मोदी के रूप में एक योग्य लीडर मिला है, जो  अपने कार्यो से  पूरी दुनिया में भारत की धर्म ध्वजा को लहरा रहा है। अगले चुनाव में भी मोदी के प्रधान मंत्री बनने के पूरे आसार है। सनातन धर्म पर हर भारतीय को गर्व करना चाहिए। अभिभाषक दुर्गेश तिवारी ने कहा कि भारत घोषित रूप से हिंदू राष्ट है। कुछ राजनीतिक दलों में इच्छा शक्ति नहीं होने की वजह से भारत हिंदू राष्ट् नहीं बन रहा है। कार्यक्रम का संचालन आलोक बाजपेयी, ऋतु साहू एवं डॉ. प्रदीप राव ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने दीप प्रजवलित कर किया। इसके पूर्व बच्चों ने हनुमान चालीसा की संगीतमय प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में विनीत शर्मा बिजनेस हेड ओमेक्स ग्रुप, डॉ. आयुषी देशमुख अध्यक्ष सूर्योदय आश्रम, डॉ. अलका झा चित्रकार मधुबनी, दर्शन देवड़ा सामाजिक कार्यकर्ता, रितेश माहेश्वरी सामाजिक कार्यकर्ता, सोनू गहलोत सामाजिक कार्यकर्ता का सम्मान किया गया। धर्म संसद में राजेश दिसावल, हर्षवर्धन सिंह, प्रवीण जोशी, रवि यादव, अंबर नायक, नवीन यादव, कृष्णकांत रोकड़े सहित संत – महंत, विद्वतजन, धर्मानुरागी आदि बड़ी संख्या में उपस्थित थे। सभी अतिथियों का स्वागत कोदंड गर्जना की संपादक और सयोजक शीतल रॉय ने किया। इस मौके पर अतिथियों ने कोदंड गर्जना की पांचवीं वर्षगांठ में प्रकाशित विशेषांक का विमोचन करते हुए कहा कि आज ऐसे ही पत्र की जरूरत है, जो समाज में समरसता लाये।

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